लेबनान में हाल ही में हिजबुल्ला के सदस्यों को निशाना बनाकर किए गए पेजर्स धमाकों के चलते पूरे पश्चिम एशिया का तनाव बढ़ा हुआ है। अब एक नया खुलासा हुआ है। इन धमाकों की जांच में एक भारतीय का नाम सामने आया है। इस भारतीय की पहचान केरल के वायनाड से ताल्लुक रखने वाले रिनसन जोस के रुप में हुई है। रिनसन जोस के पास अब नार्वे की नागरिकता है। लेबनान में हुए पेजर्स धमाकों में 12 लोग मारे गए थे और हजारों लोग घायल हुए थे।
पेजर धमाके की जांच में क्या पता चला?
बता दें कि पेजर धमाके की जांच में पता चला है कि हिजबुल्ला को पेजर की आपूर्ति करने वालों में बुल्गरिया की एक कंपनी भी शामिल है। इस बुल्गारियाई कंपनी का स्वामित्व भारतीय मूल के रिनसन जोस के पास है। सुरुआती जांच में पता चला है कि पेजर्स में कथित तौर पर इस्राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने तीन-तीन ग्राम विस्फोटक प्लांट किए थे। हिजबुल्ला ने पेजर्स स्पलाई का समझौता ताइवान की कंपनी कंपनी गोल्ड अपोलो के साथ किया था। हालांकि धमाकों के बाद गोल्ड अपोलो ने कहा कि जिन एआर-924 पेजर्स में धमाके हुए, उनका निर्माण हंगरी के बुडापेस्ट स्थित कंपनी BAC द्वारा किया गया था। गोल्ड अपोलो ने कहा कि हंगरी की कंपनी के पास उनके उत्पाद बनाने का लाइसेंस है।
अब जानकारी सामने आ रही है कि हिजबुल्ला को भेजे गए पेजर्स की आपूर्ति में बुल्गारिया की कंपनी नोर्टा ग्लोबल लिमिटेड भी शामिल थी। नोर्टा ग्लोबल लिमिटेड कंपनी रिनसन जोस की है, जिसकी स्थापना रिनसन ने साल 2022 में की थी। हालांकि बुल्गारिया की पुलिस ने लेबनान में विस्फोट में फटे पेजर्स के बुल्गारिया में निर्माण या आयात-निर्यात की बात से इंकार किया है। बुल्गारिया पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है।
कौन है रिनसन जोस?
बता दें कि केरल के वायनाड में जन्में रिनसन जोस कुछ साल पहले पढ़ाई के लिए नॉर्वे पहुंचे थे। रिनसन ने कुछ साल लंदन में भी बिताए और आखिरकार नॉर्वे की नागरिकता ले ली। रिनसन नॉर्वे में एक मीडिया चैनल के लिए डिजिटल कस्टमर सपोर्ट के रुप में काम कर चुके हैं। फिलहाल रिनसन काम के सिलसिले में नॉर्वे से बाहर हैं।