कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम पिछले कुछ दिनों से चर्चा में है। इस बीच कल गुरुवार को उन्होनें पीएम मोदी से मुलाकात की। वहीं पीएम मोदी से मुलाकात के बाद उठ रहे सवालों का भी उन्होनें जवाब दिया है। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि भारत के पीएम से मिलना कोई गुनाह नहीं है। उन्हें श्री कल्कि धाम के शिलान्यास समारोह के लिए आमंत्रित करना भी कोई गुनाह नहीं है और अगर यह गुनाह है तो इसकी सजा भुगतने के लिए तैयार हूं। इसके साथ ही उन्होनें पीएम मोदी को दैवीय शक्तियों का प्रतीक भी बताया है।
किसी दैवीय शक्ति की कृपा है
कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि मैं आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी से पहली बार मिला हूं। मुझे ये कहने में कतई संकोच नहीं है कि प्रधानमंत्री मोदी जी के ऊपर निश्चित ही किसी दैवीय शक्ति की कृपा है। जो अनुभूति मुझे उनसे मिलकर हुई है, उसके बाद मैं ये कह सकता हूं कि वो एक दैवीय शक्ति के प्रतीक हैं। उस एहसास को मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता हूं। आगे उन्होनें कहा कि मेरी पहचान सनातन के सेवक के रुप में है। मैं भारत के साथ हूं, सनातन के साथ हूं। सनातन वह धर्म है जो सत्य है और श्वाश्वत है।
पीएम मोदी ने किया निमंत्रण स्वीकार
इसी के साथ उन्होनें बताया कि पीएम मोदी ने कल्कि धाम के शिलान्यास समारोह के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है। श्री कल्कि धाम के करोड़ों लोग बहुत खुश हैं। श्री कल्कि धाम के करोड़ों लोग बहुत खुश हैं। सनातन धर्म को मानने वाले करोड़ों लोगों की ये भावना थी कि जिस तरह अयोध्या श्री राम के मंदिर का काज नरेंद्र मोदी जी के कर कमलों के द्वारा हुआ है। उसी तरह भगवान के होने वाले अवतार श्री कल्कि नारायण भगवान के श्री कल्कि धाम के निर्माण के सभी कार्य प्रधानमंत्री जी के हाथों से किए जाएं, करवाए जाएं। ऐसे में करोड़ों भक्तों की भावनाओं का सम्मान करते हुए पीएम मोदी ने इस निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है। इसके लिए हम उनका आभार करते हैं।