Sambhal हिंसा को लेकर पुलिस की लगातार कार्रवाई जारी है। दूसरी ओर विपक्ष राजनीतिक दल राज्य सरकार और पुलिस की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं। इस बीच AIMIM चीफ असुद्दीन ओवैसी ने कहा कि संभल में जो तीन मुसलमानों की मौत हुई है वो फायरिंग नहीं है बल्कि हत्या है।
मीडिया से बातचीत में ओवैसी ने कहा कि Sambhal हिंसा के कई वीडियो पब्लिक डोमेन में है, वहां जो हिंसा हुई है। जिसमें तीन मुसलमानों को गोली लगी, जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई। हम इस बात को खारिज करते हैं। ये फायरिंग नहीं है, मर्डर है।
ये फायरिंग नहीं है, मर्डर है
इसी के साथ ओवैसी ने कहा कि जब से बाबरी मस्जिद और राम मंदिर का जजमेंट आया है तब से एक के बाद एक ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। क्या ASI कानून में नहीं है कि वह किसी धार्मिक जगह का नेचर चेंज नहीं कर सकते? किस बुनियाद पर ये कर रहे हैं और आप किसी बुनियाद पर अपनी भावनाओं को दूसरों पर थोपेंगे। कानून कोई चीज है या नहीं है।
इस घटना में शामिल अधिकारी को करें सस्पेंड
ओवैसी ने सवाल पूछते हुए कहा कि जिस दिन में कोर्ट में सुनवाई होती है। उस दिन ऑर्डर हो जाता है और उसी दिन सर्वे भी हो जाता है। 1948 में बाबरी मस्जिद मामले में भी ऐसा ही हुआ था। ये फायरिगं नहीं है, मर्डर है और इसमें जो भी अधिकारी शामिल है उन्हें सस्पेंड किया जाना चाहिए। साथ ही एक हाईकोर्ट के सिटिंग जज के नेतृत्व में कमेटी बनानी चाहिए। ये गलत है, संभल में जुल्म हो रहा है।