यूपी की राजधानी लखनऊ में बीते दिन विधानसभा भवन के गेट नंबर 7 पर तैनात दारोगा ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। जानकारी मिली है कि वो किसी बीमारी से जूझ रहे थे और तनाव में थे और इसी कारण उन्होंने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद को ड्यूटी के दौरान गोली मार ली और आत्महत्या कर ली। बता दें कि पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है।
मौके से सुसाइड नोट बरामद, सीएम के लिए लिखी ये बात
मौके पर मिले सुसाइड नोट में लिखा था कि मैं बीमारी से परेशान हूं। मैं जा रहा हूं मुख्यमंत्री जी, मेरे बच्चों का ख्याल रखिएगा। हालांकि अभी तक ये पता नहीं चल पाया है कि दारोगा को कौनसी बीमारी थी। उनके दो बेटे हैं जिन्होंने जानकारी दी कि पापा काफी समय से बीमार थे और तनाव में थे। पुलिस आयुक्त ने जानकारी दी कि दारोगा निर्मल की सहमति पर ही उनकी विधानसभा में ड्यूटी लगाई गई थी।
विधान भवन के गेट नंबर 7 पर थी दारोगा की ड्यूटी
मिली जानकारी के अनुसार बंथरा थाने में तैनात दारोगा निर्मल मूलरूप से वाराणसी के गांव पल्ही पट्टी, चौबेपुर के रहने वाले थे। दारोगा अपने परिवार के साथ चिनहट में रहते थे। गुरुवार को उनकी ड्यूटी विधान भवन के गेट नंबर 7 पर थी। दिन में करीब 3.15 बजे पार्किंग में गोली चलने की आवाज सुनकर मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी और अन्य लोग वहां पहुंचे तो देखा कि दारोगा लहूलुहान पड़े थे और उनकी सर्विस पिस्टल जमीन पर पड़ी थी। पुलिसकर्मियों ने उच्चाधिकारियों को इसकी जानकारी दी और निर्मल को सिविल अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर और संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था नवीन अरोरा सिविल अस्पताल पहुंचे और मामले की जानकारी ली। इसके बाद निर्मल के घरवालों को सूचना दी गई
मिली जानकारी के अनुसार दारोगा निर्मल 15 अगस्त 1987 में पीएसी में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। निर्मल ने कई जगहों पर सुरक्षा में ड्यूटी की। बंथरा थाने में साल 2019 में उनकी तैनाती हुई थी। इंस्पेक्टर बंथरा जितेंद्र प्रताप सिंह के अनुसार निर्मल मानसिक रूप से परेशान थे। बीमारी के कारण वो मेडिकल लीव में भी थे। वहीं मौके पर पहुंची फारेंसिक टीम ने दारोगा निर्मल की सर्विस पिस्टल को कब्जे में ले लिया है और साथ ही सुसाइड नोट की भी जांच की जा रही है।