National : नए संसद भवन पर दायर याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज, कहा, ऐसी याचिकाओं को देखना हमारा काम नहीं - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

नए संसद भवन पर दायर याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज, कहा, ऐसी याचिकाओं को देखना हमारा काम नहीं

Reporter Khabar Uttarakhand
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नए संसद भवन की नई इमारत के उद्घाटन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि हम जानते हैं कि यह याचिका क्यों दाखिल हुई। ऐसी याचिकाओं को देखना सुप्रीम कोर्ट का काम नहीं है।

कोर्ट का नहीं दे पाए याचिकाकर्ता जवाब

कोर्ट ने पूछा कि इस याचिका से किसका हित होगा? इस पर याचिकाकर्ता सटीक जवाब नहीं दे पाए। याचिका में शीर्ष अदालत से नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से कराने का निर्देश लोकसभा सचिवालय को देने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया कि लोकसभा सचिवालय का बयान और लोकसभा के महासचिव का उद्घाटन समारोह के लिए जारी निमंत्रण भारतीय संविधान का उल्लंघन है।

दायर याचिका में लिखी ये बात


बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के वकील सीआर जया सुकिन ने यह जनहित याचिका दाखिल की थी। इसमें कहा गया कि उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को शामिल नहीं करके भारत सरकार ने भारतीय संविधान का उल्लंघन किया है। ऐसा करके संविधान का सम्मान नहीं किया जा रहा है। संसद भारत का सर्वोच्च विधायी निकाय है। भारतीय संसद में राष्ट्रपति और दो सदन (राज्यों की परिषद) राज्यसभा और जनता का सदन लोकसभा शामिल हैं। राष्ट्रपति के पास किसी भी सदन को बुलाने और सत्रावसान करने की शक्ति है। साथ ही संसद या लोकसभा को भंग करने की शक्ति भी राष्ट्रपति के पास है। ऐसे में संसद के नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा किया जाना चाहिए।

क्या है मामला

देश में नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को पीएम मोदी करने जा रहे हैं। इस पर कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी नेताओं का मानना है कि पीएम की बजाय राष्ट्रपति को उद्घाटन करना चाहिए। कांग्रेस का कहना है कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथों ही होना चाहिए। मुर्मू द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मर्यादा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक होगा। विपक्ष के नेताओं ने पीएम के हाथों उद्घाटन होना राष्ट्रपति पद का अपमान बताया है।

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