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देहरादून: डाईवाला विधानसभा सीट भाजपा के लिए बड़ा चैलेंच बन गई है। यहां भाजपा-कांग्रेस के बीच तो मुकाबला है ही, साथ ही यूकेडी और निर्दलीय भी दोनों राष्ट्रीय दलों की गणित बिगाड़ सकते हैं। इस सीट पर पहले पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत चुनाव लड़ते थे। लेकिन, त्रिवेंद्र ने अपनी महत्वाकांक्षाओं के चलते चुनाव लड़ने से ही इंकार कर दिया।
खास बात यह है कि भाजपा ने उनको अपना स्टार प्रचारक तो बनाया, लेकिन फिलहाल उनको स्टार जैसे भूमिका में नहीं उतारा है। पूर्व सीएम होने के चलते इस सीट पर उनकी राय मांगी गई थी और उन्हीं के नजदीकी को टिकट भी दिया गया है। लेकिन, भाजपा के बागी निर्दलीय मैदान में हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा के लिए यहां दिक्कतें हो सकती हैं।
भाजपा अपने दुर्ग को बचाने, कांग्रेस इसे ढहाने और बगावत कर ताल ठोक रहे निर्दलीय दुर्ग में सेंध लगाने के लिए दांव पर दांव चल रहे हैं। भाजपा ने बृजभूषण गैरोला को जीत दिलाने के लिए हरिद्वार सांसद और पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक भी पूरा जोर लगा रहे हैं। उसका एक कारण यह भी है कि यह क्षेत्र हरिद्वार लोकसभा सीट के तहत आता है।
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यहां त्रिवेंद्र के ही नहीं हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र की सीट होने के नाते सांसद व पूर्व सीएम डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के सियासी पकड़ की भी परीक्षा है। यही वजह है कि पार्टी प्रत्याशी के लिए दोनों दिग्गज भी दमखम लगा रहे हैं। भाजपा के बागी जितेंद्र नेगी के चुनाव मैदान में होने से कांग्रेस के गौरव चौधरी को फायदे की उम्मीद है।