आपको जानकर ये हैरानी होगी कि एक ऐसा खिलाड़ी है जिसके नाम पर रणजी ट्रॉफी खेली जाती हैं लेकिन उस खिलाड़ी ने कभी भारत के लिए एक भी मैच नहीं खेला लेकिन भारत में सदियों बाद आज भी उसी खिलाड़ी के नाम पर टूर्नामेंट खेला जाता है जिसमे तीन दर्जन से ज्यादा टीमें खेलती हैं। आपको बता दें कि बीसीसीआइ द्वारा हर सीजन में रणजी ट्राफी नाम से फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेला जाता है।
आपको बता दें कि इस ट्रॉफी का नाम उस खिलाड़ी के नाम पर रखा गया है, जिसने जीवनभर इंग्लैंड के लिए क्रिकेट खेला। अब आप सोच रहे होंगे कि ये तो गलत है। लेकिन बता दें कि इसमे गर्व भरा किस्सा है। रणजी ट्राफी का नाम एक ऐसे क्रिकेटर के नाम पर है, जिसने भले ही इंग्लैंड के लिए क्रिकेट खेली, लेकिन भारत देश का नाम रोशन किया था। जी हां यहां बात हो रही क्रिकेटर रणजीत सिंह की, जिनकी बीते दिन 10 सितंबर को जन्मदिन था. उनका जन्म 10 सितंबर 1872 को गुजरात के काठियावाड़ में हुआ था।
महत्वपूर्ण बिंदू
- रणजीत सिंह ने इंग्लैंड के लिए क्रिकेट खेला था क्योंकि उस समय भारत अंग्रेंजों के अधीन था और भारत के पहले खिलाड़ी थे, जो इंटरनेशनल क्रिकेट खेले थे।
2. रणजीत सिंह ने साल 1896 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इंग्लैंड के लिए आस्ट्रेलिया के खिलाफ डेब्यू किया था।
3. रणजीत सिंह दाएं हाथ के बल्लेबाज थे और धीमी गेंदबाजी भी किया करते थे, लेकिन टेस्ट क्रिकेट की चार पारियों में उनको सिर्फ एक ही विकेट मिला था, लेकिन फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उन्होंने 133 विकेट निकाले थे।
4. 1896 से 1902 तक उन्होंने कुल 15 मैच इंग्लैंड के लिए खेले थे। रणजीत सिंह ने टेस्ट डेब्यू में कंगारू टीम के खिलाफ शतक जड़ा था।
5. टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 989 रन बनाए थे, जबकि ससेक्स, लंदन काउंटी और कैमब्रिज यूनिवर्सिटी के लिए उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेला था।
6. रणजीत सिंह को सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज इसलिए भी कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने 307 प्रथमश्रेणी मैचों में 24692 रन बनाए थे, जिसमें 72 शतक और 109 अर्धशतक शामिल थे। इन आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि रणजीत सिंह प्रथण श्रेणी क्रिकेट के कितने महान खिलाड़ी थे।
7. रणजीत सिंह विभाजी जडेजा नवानगर के 10वें जाम साहब और प्रसिद्ध क्रिकेटर थे, उनको नवानगर के जाम साहब, कुमार रणजीत सिंहजी, रणजी और स्मिथ के नाम से भी जाना जाता है। वे एक बेहतरीन क्रिकेट बल्लेबाज थे, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट के विकास में अहम भूमिका अदा की, क्योंकि उनसे पहले कोई ऐसा क्रिकेटर नहीं था, जिसको अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलना का मौका मिला हो। वे इंग्लिश क्रिकेट टीम के तरफ से खेलने वाले विख्यात क्रिकेटर थे।
आपको बता दें कि रणजीत सिंह के निधन के बाद उनके सम्मान में बीसीसीआइ ने 1934 में भारत के विभिन्न शहरों और क्षेत्रों के बीच खेली जा रही क्रिकेट सीरीज को ‘रणजी ट्राफी’ का नाम दिया था।