देहरादून : दिल्ली में उत्तराखंड प्रवासियों की संख्या काफी है। युवक युवतियों ने नौकरी के लिए दिल्ली का रुख किया और अब लॉक़डाउन की स्थित पैदा होने पर पिछले साल की तरह इस साल फिर से प्रवासियों ने उत्तराखंड का रुख करना शुरु कर दिया है। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मौजूदा हालातों को संभाला औऱ अब कमान तीरथ सिंह रावत के हाथों में है। खबर के मुताबित लॉकडाउन की स्थिति में कम से कम एक लाख प्रवासियों के उत्तराखंड लौटने की संभावना है। ऐसे में सीएम तीरथ सिंह रावत क्या व्यवस्था करेंगे और कैसे इन परिस्थितियों से निपटने के लिए टीम तैयार करेंगे वो देखने वाली बात होगी।
आपको बता दें कि पिछले साल 2019 को लॉकडाउन के दौरान करीबन 3.27 लाख प्रवासी उत्तराखंड लौटे थे। इस बार इनकी संख्या 1 लाख आंकी गई है। सरकार के सामने टेस्टिंग से लेकर प्रवासियों के लिए क्वारंटीन सेंटरों की व्यवस्था करना चुनौतीपूर्ण होगा। साथ ही खाने पीने की व्यवस्था करना भी किसी चुनौती से कम नहीं होगा। खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में क्वारंटीन सेंटर से लेकर टेस्टिंग और चिकित्सा सुविधा बेहतर करना चुनौती पूर्ण होगी। बता दें कि सरकार तीरथ सरकार ने नाइट कर्फ्यू और दिल्ली समेत कई जगहों पर लॉकडाउन के बाद प्रवासियों के पंजीकरण की व्यवस्था कर ली है। पुराने स्मार्ट सिटी की वेबसाइट को फिर से शुरु किया गया है जिसपर प्रवासियों को उत्तराखंड आने के लिए पंजीकरण कराना होगा। वहीं सीएम तीऱत सिंह रावत ने महाराणा प्रताप स्टेडियम में बीते दिन कोविट सेंटर का निरीक्षण किया जिसे त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल के दौरान प्रवासियों के कोविड सेंटर बनाया गया था। इसी के साथ सीएम ने कोरोनेशन अस्पताल का निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं का जायजा लिया।