अपने हुनर से देशभर में उत्तराखंड का नाम ऊंचा करने वाली मानसी नेगी ने अपना दुख बयां किया है। मानसी नेगी ने कहा की अपने आप को साबित करने के बाद भी मुझे उत्तराखंड में नौकरी नहीं मिली।
स्वर्ण पदक हासिल कर प्रदेश का नाम किया रोशन
मंगलवार को चेन्नई में नेशनल यूनिवर्सिटी एथलेटिक्स मीट में उत्तराखंड की एथलिट मानसी नेगी ने 20 किलोमीटर वाक रेस में स्वर्ण पदक हासिल करके उत्तराखंड का नाम रोशन किया है। सोशल मीडिया पर इस उपलब्धि के लिए मानसी को प्रदेश से ढेर सारी बधाई मिली। इसी बीच सोशल मीडिया पर मानसी ने एक पोस्ट साझा कर लोगों को अपना दुख बताया।
सोशल मीडिया पर जाहिर किया अपना दुःख
तमिल नाडु में हुई 82वीं नेशनल यूनिवर्सिटी एथलेटिक्स मीट में उत्तराखंड में चमोली की रहने वाली मानसी ने गोल्ड मैडल अपने नाम किया। इससे पहले भी कई बार मानसी उत्तराखंड का नाम रोशन कर चुकी है। मानसी को सोशल मीडिया पर ढेर सारी बधाईया मिल रही है। उत्तराखंड पहुंचने पर मानसी का धूम धाम से स्वागत हुआ। उत्तराखंड के सीएम द्वारा मानसी को इस उपलब्धि पर नौकरी देने का वादा भी किया गया था। इस ख़ुशी के मौके के बीच मानसी नेगी ने पोस्ट शेयर कर सरकार के प्रति नाराज़गी जाहिर की है।
खुद को साबित करने के बाद भी नहीं मिली नौकरी
सोशल मीडिया पर मानसी नेगी ने एक पोस्ट साझा किया है। जिसमें उन्होंने शुभकामनाएं देने वालों का आभार व्यक्त किया है। साथ ही उन्होंने अपने पोस्ट पर अपना दुख भी बताया है। उन्होंने उत्तराखंड सरकार से नौकरी की अपील की है। उन्होंने लिखा मैंने निरंतर अपने आप को साबित किया है पर मुझे सरकार की तरफ से कोई नौकरी नहीं मिली है।
आगे मानसी लिखती है कि मुझे प्रदेश में नौकरी चाहिए। उत्तराखंड में ना ही नौकरी के अवसर है और न ही स्पोर्ट्स कोटा। मैं निवेदन करती हूँ सरकार से की उत्तराखंड में नौकरी में स्पोर्ट्स कोटा दिया जाए। आने वाले युवा एथलिट इससे प्रेरित होकर बेहतर प्रदर्शन करेंगे। मानसी नेगी ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा की वह सीएम पुष्कर सिंह धामी से अब तक तीन बार मिल चुकी हैं। उसके बावज़ूद भी उन्हें सरकार की तरफ से नौकरी के लिए आश्वासन नहीं मिला।
सरकार से नहीं मिला किसी तरह का सपोर्ट
उत्तराखंड के चमोली जनपद में रहने वाली मानसी एक गरीब परिवार से आती है। उनकी मां गांव में रहती है और पिता इस दुनिया में नहीं है। मानसी का भाई देहरादून में ही नौकरी करता है। मानसी ने बतया की स्कूल से पास आउट होने के बाद खेल में भी उन्हें उत्तराखंड सरकार से कोई मदद नहीं मिली।
एथलेटिक्स में योग्यता होने के बावजूद उन्हें सरकार का सपोर्ट नहीं मिला और अब मानसी का कहना है की अपनी प्रतिभा का सबूत देने के बाद भी सरकार मुझे उत्तराखंड में नौकरी नहीं दे रही है।