हल्द्वानी : कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत के शुक्रवार को धरने पर बैठने से भाजपा की बेचैनी बढ़ गई है। बंशीधर भगत शुक्रवार की रात एक घंटे से अधिक समय तक ऊर्जा निगम के खिलाफ धरने पर बैठे थे। भगत के धरना देने से विपक्ष को बैठे-बिठाए मुद्दा मिल गया है। पूर्व सीएम हरीश रावत से लेकर तमाम नेताओं ने उन पर सीधा निशाना साधा है। वहीं बता दें कि माहौल गर्म होने के बाद मंत्री बंशीधर भगत के तेवर बदले बदले नजर आ रहे हैं।
पैरों में दर्द होने के कारण जमीन पर बैठा था-बंशीधर भगत
पार्टी की किरकिरी के बाद कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत के तेवर नरम पड़ गए और मंत्री ने धरने पर बैठने वाले मामले में कहा कि वो पैरों में दर्द होने के कारण जमीन पर बैठे थे। जमीन पर बैठने को धरने का नाम नहीं देना चाहिए। कहा कि हमारे पार्षद को जनता का भारी आक्रोश झेलना पड़ा था।बंशीधर भगत ने कहा कि चार बार मुझे लोगों का फोन आया और मैनें अधिकारियों को फोन किया लेकिन समस्या का समाधान ना होने पर मैं मौके पर गया लेकिन वहां कोई अधिकारी नहीं था इसलिए उनको मौके पर जाना पड़ा और लोगों से बात करनी पड़ी। बंशीधर भगत ने कहा कि जनता और कार्यकर्ता परेशान होंगे तो मैं 10 बार जाऊंगा।
अपनी ही सरकार में ऊर्जा निगम के खिलाफ धरने पर बैठे मंत्री
शुक्रवार की रात को मानपुर पश्चिम में बिजली के खंभे शिफ्ट करने को लेकर ग्रामीण भड़क उठे। उनका ऊर्जा निगम के अधिकारियों से विवाद हुआ था। दूसरे दिन तक बिजली नहीं आने की बात कही गई थी। इसे लेकर ग्रामीण ऊर्जा निगम के खिलाफ शुक्रवार रात को धरने पर बैठ गए। मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा था। कैबिनेट मंत्री बंशीधर ने ऊर्जा निगम के अधिकारियों को फोन किया, लेकिन समाधान नहीं हुआ। फिर वह खुद ही धरनास्थल पहुंच गए। अपनी ही सरकार में ऊर्जा निगम के खिलाफ एक घंटे से अधिक समय तक धरने पर बैठ गए।
विपक्ष का हमला
वहीं अधिकारियों ने आकर मंत्री के आगे हाथ भी जोड़े। बिजली आपूर्ति सुचारू हुई। मामला तो निपट गया, लेकिन इसे लेकर नई तरह की राजनीति गर्म हो गई है। विपक्ष मंत्री पर हमला कर रहा है। विपक्ष का कहना है कि अपनी ही सरकार में मंत्री को समस्या के समाधान के लिए धरने पर बैठना पड़ रहा है तो आम जनता का क्या हाल होगा। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कैसे सरकार काम कर रही है।
बंशीधर भगत जी ने चौराहे पर इस सरकार की हड्डियां फोड़ दी-हरीश रावत
हरीश रावत ने कहा कि बंशीधर जी धरने पर हैं। कह रहे हैं बिजली विभाग चोर है। विपक्ष कहे बाद समझ में आती है। अब तो सरकार ही अपने एक हिस्से को चोर बता रही है तो “हाथ कंगन को आरसी क्या, पढ़े-लिखे को फारसी क्या”! यह सामूहिक उत्तरदायित्व की बात है और बंशीधर भगत जी ने चौराहे पर इस सरकार की हड्डियां फोड़ दी है।