4 जुलाई से सावन का महिना लग रहा है। शिवभक्तों को इस खास महिने का काफी इतंजार रहता है। हिंदू धर्म में इस महिने को काफी पवित्र माना जाता है। सावन के महिने में भगवान शिव की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति इस महिने भगवान भोलनाथ की सच्चे मन से पूजा करता है उसकी सभी मनोकामना पूरी होती है। पर क्या आप जानते हैं कि आखिर सावन का महिना ही क्यों भगवान शिव को प्रिय है, क्या है इस महिने का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्तव आइये जानते हैं।
सावन का धार्मिक महत्व
वहीं सावन के महिने का धार्मिक महत्तव भी है। इस माह में जगत के पालनहार भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं। ऐसे में सृष्टि का संचालन भगवान शिव द्वारा किया जाता है। साथ ही यह वह महीना भी है जब समुद्र मंथन हुआ था और विषपान करने के कारण शिव जी को नीलकंठ नाम मिला था। सावन के माहीने में ही माता पार्वती ने अपनी कठोर तपस्या से महादेव को प्रसन्न किया था तथा शिव और शक्ति का मिलन आरंभ हुआ था।
सावन के माह का वैज्ञानिक महत्तव
सावन के माह को यदि विज्ञान की दृष्टि से देखा जाए तो इसका काफी वैज्ञानिक महत्तव हैं। दरसअल, हमारा पाचन तंत्र सूर्य पर निर्धारित है। ऐसे में सावन के महीने में सूरज बहुत कम निकलता है। जिसके कारण हमारा पाचन तंत्र कमजोर होने लगता है। यही कारण है कि जल जनित रोग होने की संभावना भी बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में हमें अपने पाचन तंत्र को आराम देने की जरूरत होती है। इसी वजह से सावन के महीने में बैगन, पत्तेदार साग, सब्जियां, मांसाहारी भोजन और शराब की मनाही होती है ताकि हमारा पाचन तंत्र अच्छा बना रहे।