महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी नारेबाजी के बीच विधानसभा में अपना भाषण बीच में ही छोड़ कर चले गए। सदन में महा विकास अघाड़ी की ओर से छत्रपति शिवाजी महाराज पर कथित रूप से की गई राज्यपाल की टिप्पणी के खिलाफ नारेबाजी और विरोध-प्रदर्शन किया गया। इसके विरोध में राकांपा विधायक संजय दौंड ने शीर्षासन भी किया।
कुछ दिनों पहले राज्यपा भगत सिंह कोश्यारी ने औरंगाबाद जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर एक विवादित बयान दिया था। अपने बयान में उन्होंने कहा था कि जिस तरह से चाणक्य के बिना चंद्रगुप्त को कौन पूछेगा, उसी प्रकार समझ के बिना शिवाजी को कौन पूछेगा? जीवन में गुरु का काफी महत्व होता है। इस बयान के बाद राज्य में बवाल मचा हुआ है।
भाजपा के कार्यकर्ताओं ने नवाब मलिक को उनके पद से नहीं हटाने के फैसले के खिलाफ विधान भवन की सीढ़ियों पर बैठकर नारेबाजी की। पिछले हफ्ते ही प्रवर्तन निदेशालय ने राज्य के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक को भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस, विधान परिषद में एलओपी प्रवीण दारेकर और राज्य भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के नेत़ृत्व में भाजपा विधायकों ने शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी।
फडणवीस ने कहा था कि एमवीए की यह सरकार उन लोगों के प्रति सहानुभूति रखती है, जिन्होंने मुंबई बम धमाके के दोषी दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की मदद की। हम मलिक को अभी भी मंत्री बनाए रखने के फैसले का विरोध करते हैं, जबकि पहले कुछ आरोपों के चलते एक मंत्री को हटाया गया है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि मलिक का इस्तीफा तुरंत लिया जाए।
शिवसेना से मनीषा कायंडे ने कहा कि राज्यपाल क्या संदर्भ दे रहे हैं? उसे कहने की जरूरत नहीं थी। मुझे लगता है वह भाजपा के साथ हैं और उन्होंने सत्र शुरू होते ही विवाद को उठाया है। गुरुवार से शुरू हुआ बजट सत्र 25 मार्च तक चलेगा। भाजपा ने कहा कि वह चाहती है कि बजट सत्र का सही उपयोग हो और की मुद्दों पर वह चर्चा करना चाहते हैं बशर्ते नवाब मलिक को निलंबित किया जाए। इस पर एमवीए के नेताओं ने कहा कि भाजपा राज्य सरकार पर निशाना बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का सहारा ले रही है।