उत्तराखंड में एक तरफ जहां मानसून में तबाही का मंजर देखने को मिला तो वहीं दूसरी ओर इसने कुछ भ्रष्टाचारियों की पोल भी खोल कर रख दी है। उत्तराखंड में अधिकारियों की लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण कुछ पुल बरसात में टूट गए हैं तो कुछ पुल खस्ताहाल हो गए हैं। जो अब अपनी बदहाली के आंसू बहाने के लिए मजबूर है। उन्हीं पुलों में से एक पुल है नैनीताल के रामनगर में स्थित है। जो अब भ्रष्टाचार की गवाही देता हुआ दिखाई दे रहा है।
खस्ताहाल पुल खोल रहे भ्रष्टाचारियों की पोल
उत्तराखंड के नैनीताल जिले में लगभग साढ़े 6 करोड़ की लागत से तैयार हुआ एक पुल इन दिनों अपने भ्रष्टाचार की कहानी कहने के लिए काफी है। दरअसल नैनीताल के रामनगर के मलधन में स्थित पुल की मरम्मत के नाम पर सरकारी खजाने से लूट की जा रही है और मरम्मत के नाम पर सिर्फ और सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है।
मरम्मत के नाम पर ठेकेदार कर रहे खानापूर्ति
ये पुल खस्ताहाल हो चला है लेकिन इसकी मरम्मत के नाम पर ठेकेदार खानापूर्ति कर रहे हैं। जिस मिट्टी का प्रयोग लोग अपने मकान बनाने के लिए नहीं करते इस मिट्टी को कट्टों में भरकर पुल के आस-पास लगाकर कटाव रोकने की नाकाम कोशिश ठेकेदार द्वारा की जा रही है। हैरानी की बात तो ये है कि जिम्मेदार अधिकारी निरीक्षण के बाद उसे पास भी कर देते हैं।
जिम्मेदार अधिकारी सुध लेने को तैयार नहीं
आपको बता दें कि इन जिम्मेदार अधिकारियों का कमाल सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि इन जिम्मेदार अधिकारियों को सड़क किनारे कटाव हुआ वो अभी तक नजर आता ही नहीं। इसके साथ ही दुर्घटना रोकने के लिए जो साइड में फ्रेमिंग की जाती है वो भी कटाव की जद में आ चुके हैं। कहीं गायब हैं तो कहीं फ्रेमिंग अब गिरने की कगार पर बनी हुई है। लेकिन इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारी इसकी सुध लेने को तैयार नहीं है।