आपको बता दें कि ये पुकार है खारकीव में फंसे दिल्ली निवासी आकाश धीमान की जिन्होंने वहां से वीडियो जारी किया है और सोशल मीडिया के जरिए मदद मांगी है। आकाश ने ये वीडियो अपने दोस्तों औरपरिवार वालों को भेजी है। दिल्ली और दून से उनके परिचित लगातार आकाश और उनके साथ फंसे भारतीय छात्रों की मदद की कोशिश में लगे हैं, लेकिन कोई मदद नहीं मिल पा रही है।
बता दें कि आकाश 8 दिसंबर को ही एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए यूक्रेन गए थे। आकाश ने सोमवार को मैसेज के जरिये बताया कि खारकीव में वह हॉस्टल के बंकर में 24 फरवरी से फंसे हैं। बहुत ठंड है। गैलरी जैसे बंकर में पैर भी सीधे नहीं कर पा रहे हैं और घुटन हो रही है। बाहर बमबारी हो रही है। टॉयलेट इस्तेमाल करने के लिए ऊपर हॉस्टल में जाना पड़ता है। धमाकों की आवाज से डर लगता है, इसलिए ज्यादा देर ऊपर नहीं रुक सकते। तुरंत भागकर बंकर में आना पड़ता है। कहा कि यहां 300 से ज्यादा भारतीय हैं और बोर्डर 1200 किमी दूर है और बाहर बमबारी हो रही है। ट्रेन बस नहीं चल रही। इसलिए सरकार के बिना मदद के वो वहां से नहीं निकल सकते।
भारतीय दूतावास के ऑफिशियल्स अब फोन नहीं उठा रहे हैं। मदद के लिए किसी से कोई संपर्क नहीं हो रहा है। उन्होंने निवेदन किया कि उन्हें इस मुश्किल भरे हालात से बाहर निकालने के लिए सरकार उनकी मदद करे। आकाश के पिता डॉ. राम कुमार प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं। घर में परिजन परेशान हैं।