दिल्ली पुलिस ने कैंसर की नकली दवाएं बेच रहे लोगों को दिल्ली गुरुग्राम से गिरफ्तार किया है। आरोपियों से दो दिल्ली के एक बड़े कैंसर हॉस्पिटल के कर्मचारी भी हैं। जानकारी के मुताबिक यह काफी वक्त से गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों को बेवकूफ बना रहे थे। जब इनके इस रैकेट की भनक पुलिस को लगी तो पुलिस ने यह बड़ी कार्रवाई की है। आरोपियों के पास कैंसर की कुल 9 ब्रांड्स की नकली दवाएं मौजूद थीं जिनकी कीमत करीब 4 करोड़ बताई जा रही है।
जानकारी के अनुसार नकली दवाईयों को कैंसर की दवाई बता नकली इंजेक्शन रिफिल कर इन लोगों ने सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि नेपाल और अफ्रीकी देशों के नागरिकों को भी बेवकूफ बनाया है।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार यह एक खतरनाक तरीके चलाया जा रहा अवैध कारोबार था। जिसमें आरोपी अस्पतालों से लेबल वाली खाली शीशियां इकट्ठा करते थे, फिर उनमें नकली दवाई भरते थे और उन्हें कैंसर की दवाई बताकर बेच देते थे। यह रैकेट पश्चिमी दिल्ली के डीएलएप कैपिटल ग्रीन्स के दो फ्लैटों से चल रहा था। दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार ड्रग्स कंट्रोल की छापेमारी के दौरान गुड़गांव स्थित अस्पतालों के कर्मचारियों सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इनके पास से नकली दवा की 140 से ज्यादा शीशियां (जिनकी रकम 4 करोड़ रुपये मानी जा रही है) पाई गई है।
कौन थे ये लोग?
पुलिस के मुताबिक आरोपियों को पकड़ने के लिए चार स्थानों- मोती नगर, गुड़गांव में साउथ सिटी, यमुना विहार और दिल्ली के एक अस्पताल में एक साथ छापेमारी करने के लिए एक पुलिस टीम का गठन किया गया था। जिसके बाद विफिल जैन (46), सूरज शत (28), नीरज चौहान (38), तुषार चौहान (28), परवेज (33), कोमल तिवारी (39) और अभिनय कोहली (30) को पकड़ा गया। ड्ग्स कंट्रोल विभाग के अधिकारियों के मुताबिक आरोपी शीशियों में दवाई भरते और उनकी कीमत तय करते थे। इस तरीके से आम लोगों को बेवकूफ बना कर वे बड़ी कमाई कर रहे थे।