राजस्थान में राजधानी जयपुर से हवामहल विधानसभा की बीजेपी से सीट जीतकर नवनिर्वाचित विधायक बने बालमुकुंद आचार्य ने बीते दिन नॉन वेज की दुकानों को बंद कराने के आदेश दिए थे। जिसके बाद उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। उनके आदेश की कई राजनेताओं ने निंदा की। जिसके बाद उन्होनें इस मामले पर अब सफाई दी है।
बालमुकुंद ने दिया था ये आदेश
सोमवार की सुबह एक अधिकारी को फोन किया और पूछा कि “क्या सड़क में खुले में नॉन वेज बेच सकते हैं , हां या नां में जवाब दो… जिसके बाद उन्होनें आदेश दिया कि उनके इलाके से सभी गलियों और सड़को से नॉन वेज के ठेले हट जाने चाहिए। उन्होनें चेतावनी देते हुए कहा कि सड़कों पर कोई भी नॉन वेज फूड नहीं बेचा जाना चाहिए और शाम तक सभी गलियां साफ हो जानी चाहिए।“ इस आदेश के बाद नवनिर्वाचित विधायक बालमुकुंद के आस पास खड़े लोग जय श्री राम के नारे लगाने लगे। देखते ही देखते ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
कांग्रेस ने किया पलटवार
वहीं इस वीडियो को कांग्रेस ने भी देखा..जिसके बाद कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा सांसद ने बालमुकुंद पर पलटवार करते हुए कहा ये भाजपा की सबका साथ- सबका विकास की सच्चाई है, भाजपा के राजस्थान से नवनिर्वाचित विधायक महोदय को नॉन वेज दुकानों से इतनी परेशानी है कि अपने शपथ लेने से पहले चिंता दुकानों को बंद करवाने की है। उन्होनें कहा कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसे जनप्रतिनिधियों पर लगाम लगायेंगे?
बालमुकुंद आचार्य ने बताए दुकान बंद कराने के कारण
इस मामले पर जयपुर के कुछ स्थानीय लोगों ने इसे धर्म विशेष से जोड़कर देखा जिसके बाद उन्होनें साफ कहा कि जयपुर में अधिकांश दुकानें नॉन वेज की दुकानें हिन्दुओं की भी हैं। ऐसे में क्या विधायक बालमुकुंज हिन्दुओं की ही दुकानों पर ताला मारने चले हैं। हालांकि जब इस मामले पर हिन्दु-मुस्लिम की बात सामने आने लगी तो फिर विधायक बालमुकुंद ने सफाई देते हुए कहा कि ये हिन्दु मुस्लिम की बात नहीं है बल्कि इसके पांच कारण हैं।
बालमुकुंद आचार्य ने कहा हम मांस की दुकानें बंद कराने नहीं गए थे, हमने कहा अवैध बूचड़ खाने, जो रोड पर बना रहे हैं और बेच रहे हैं जिनमें अधिकांश बांग्लादेशी हैं उनकी जांच करो।
दूसरा कारण
ये जो लोग मांस बेत रहे हैं क्या उनके पास लाइसेंस है
तीसरा कारण
हमारे पास शिकायत आई है कि यहां सफेद मांस बेचा जा रहा है , ये गाय का मांस है
चौथा कारण
40 से 50 फीसदी रोड पर कब्जा कर बेच रहे हैं।
पांचवा कारण
यहा माहौल खराब हो रहा है, पर्यटक आते हैं तस्वीरें खींचते हैं और विदेश में छवि खराब होती है
इसके साथ ही उन्होनें बताया कि जयपुर में अपराकाशी इलाके में घर से ज्यादा मंदरि है, आमेर से लेकर जयपुर तक मदिंर ही मंदिर हैं, माताएं- बहनें मंदिर जाती हैं तो रास्ते में नॉन वेज की दुकानें है जिस वजह से उन्हें कुत्ते काटते हैं। रोड पर टुकड़ा पड़ा रहता है जिससे परेशानी होती है…इसलिए वो इन दुकानों को बंद करना चाह रहे हैं।
ये गलत फैसला है- ओवैसी
इस मामले पर AIMIM के अध्यक्ष ओवैसी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है उन्होनें कहा कि“आप किसी को नहीं रोक सकते कि वो कौन सा स्टॉल खोलें, उन्होनें कहा कि किस अधिकार के तहत आप ऐसा कर रहे हैं..उन्होनें कहा वो लोग कहां से अपना घर चालएंगे..कहां अपना रोजगार करेंगे…उसमें केवल मुसलमान ही नहीं बल्कि गैर मुस्लिम भी हैं …मछली की दुकान, अंडे की दुकान सब चलाते हैं वो लोग क्या करेंगे..,,,,,,ये बिलकुल गलत फैसला है”…..