
उत्तराखंड में चार धाम यात्रा मार्ग पर प्रशासन की लापरवाही से कुछ लोगों की दबंगई शुरु हो गई है। हालात ये हैं कि अब बीच रास्ते में बाहर से आने वाली गाड़ियों को जबरन रोका जा रहा है और उनके साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है।
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ताजा वाक्या हरिद्वार का है। अमर उजाला में प्रकाशित एक खबर के अनुसार बुधवार को यूपी के बागपत से एक टेंपो ट्रैवेलर यात्रियों को लेकर चार धाम की यात्रा पर पहुंचा।
हरिद्वार में इस टेंपो ट्रैवेलर को कुछ लोगों ने रोक लिया। खुद को टेंपो एसोसिएशन से जुड़ा बताने वाले इन लोगों ने लगभग दबंगई के अंदाज में यात्रियों से भरे टेंपो ट्रैवेलर को न सिर्फ रोका बल्कि उसे जबरन सिटी मजिस्ट्रेट के दफ्तर लेकर पहुंचे।
इसी दौरान हंगामे के चलते टेंपो ट्रैवेलर में सवार एक महिला यात्री की हालत बिगड़ने लगी। यात्री की हालत बिगड़ते देख कथित रूप से खुद को टेंपो एसोसिएशन का पदाधिकारी बता रहे लोग इधर उधर खिसकने लगे।
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बाद में सहयात्रियों ने किसी तरह महिला को संभाला और उसे पानी दिया। इसके बाद भी महिला बेचैनी की शिकायत करती रही। लिहाजा बाद में उसे जिला अस्पताल ले जाया गया।
अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या टेंपो एसोसिएशन के पदाधिकारियों को यात्रियों की गाड़ी को जबरन रोकने और दुर्व्यवहार की खुली छूट है क्या?
क्या इस तरह से दबंगई दिखा कर और नियमों का हवाला देकर यात्रियों को परेशान करना सही है? फिर क्या इस तरह से राज्य की छवि नहीं खराब हो रही है।