तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन राज्यपाल आरएन रवि के कार्यों से खुश नहीं है। इसलिए उन्होनें राष्ट्रपति मुर्मु 15 पन्नों का शिकायती पत्र लिखा है जिसमें उन्होनें कहा कि राज्यपाल की गतिविधियां तमिलनाडु की जनता और चुनी हुई सरकार के खिलाफ है।
राज्यपाल के योग्य नहीं आरएन रवि
सीएम एमके स्टालिन ने राष्ट्रपति मुर्मु को लिखे शिकायती पत्र में कहा कि राज्यपाल आरएन रवि राज्यपाल बनने योग्य नहीं है। उन्होनें लिखा की राज्यपाल रवि तमिलनाडु विधानसभा में पारित विधेयकों को मंजूरी प्रदान करने में अनावश्यक देरी करते हैं। राज्यपाल अन्नाद्रमुक के पूर्व मंत्रियों के खिलाफ मामलों को मंजूरी देने की भी अनुमति नहीं दे रहे हैं, जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं।
पत्र में लिखकर की कई शिकायत
मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि राज्यपाल ने सेंथिल बालाजी को कैबिनेट से बर्खास्त कर संविधान का उल्लंघन किया है। इसके साथ ही राज्यपा पुलिस जांच में शामिल होते हैं और आरोपियों का समर्थन करते हैं। राज्यपाल रवि ने कहा कि चिदंबरम नटराज मंदिर में कोई बाल विवाह नहीं हुआ था, जबकि बाद में बाल विवाह का वीडियो जारी किया गया और राज्यपाल की टिप्पणियों को झूठा करार दिया गया। इसी तरह राज्यपाल ने सेंथिल बालाजी को कैबिनेट से बर्खास्त करके संविधान का बड़ा उल्लंघन किया और बाद में उन्होंने अपने फैसले को स्थगित कर दिया था।
राष्ट्रपति पर छोड़ा फैसला
मुख्यमंत्री स्टालिन ने संविधान के अनुच्छेद 156(1) का हवाला देते हुए कहा कि राज्यपाल तब तक पद पर रह सकते हैं जब तक राष्ट्रपति चाहें, लेकिन तमिलनाडु के कल्याण को ध्यान में रखते हुए मैंने राज्यपाल रवि की सच्चाई को सूचीबद्ध किया है। उन्होंने राष्ट्रपति मुर्मु से कहा कि वह उन पर छोड़ते हैं कि रवि को पद से हटाया जाए या नहीं।