वाराणसी जिला अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद के सील वजूखाने को छोड़कर बाकी परिसर में एएसआई सर्वे कराने का आदेश दिया था। जिसके बाद मस्जिद सर्वे का विरोध हुआ और आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। बता दें कि वाराणसी जिला कोर्ट के आदेश के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। मसाजिद कमेटी ने सर्वे के आदेश को सुप्रीम कोर्ट की अवमानन बताया है।
बता दें कि 16 मई 2023 को वाराणसी जिला न्यायाधीश एके विश्वेशा ने 16 मई 2023 को चार हिन्दू महिलाओं द्वारा दायर एक आवेदन पर ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वेक्षण का आदेश दिया था। हालांकि आदेश में सर्वे से परिसर के वजूखाने को बाहर रखा गया था, जिसे शीर्ष अदालत के आदेश पर सील कर दिया गया है।
सुप्रीम अदालत और कानून पर पूरा भरोसा
वहीं सैयद मोहम्मद यासीन ने कहा कि बीते 12 मई को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में स्थित फव्वारे की कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक सर्वेक्षण का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। अब उसके अगल-बगल के क्षेत्र का एएसआई से सर्वे का आदेश जिला अदालत ने दिया है। 19 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि यह गंभीर मसला है। इसमें जल्दबाजी दिखाने की जरूरत नहीं है। जिला अदालत को बताया भी गया था कि वैज्ञानिक सर्वेक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी है। देश की सुप्रीम अदालत और कानून पर पूरा भरोसा है। हमारे साथ अन्याय नहीं होगा।
वैज्ञानिक तरीके से वास्तविक तथ्य आए सामने
बता दें कि सोमवार को अदालत के आदेश के प्रति एएसआई के स्थानीय अधिकारियों को सौंपकर उनसे वादी और प्रतिवादी पक्ष की बैठक बुलाकर सर्वे का काम जल्द शुरू कराने की मांग की जाएगी। वहीं मीडिया रिपोर्ट मे मिली जानकारी के अनुसार हाईकोर्ट या फिर सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की जाएगी। इसकी तैयारी पूरा कर ली गई है। उनका कहना है कि हमारी प्राथमिकता में ज्ञानवापी में एएसआई से सर्वे शुरू करा कर वैज्ञानिक तरीके से वास्तविक तथ्यों को सामने लाना है।
चार अगस्त तक अदालत को सौंपे रिपोर्ट
वहीं जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने शुक्रवार को ज्ञानवापी परिसर का सर्वे का आदेश एएसाई को दिया है। सर्वे रिपोर्ट चार अगस्त तक अदालत में जमा करनी है। सात पेज के आदेश में अदालत ने कहा बै कि इमारत की संरचना को नुकसान पहुंचाए बिना वैज्ञानिक तरीके से जांच करनी है। यह बताना है कि क्या मंदिर के ऊपर मस्जिद बनाई गई है।