National : निठारी कांड मामले में सुरेंद्र कोली को बरी करने पर सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस, जानें यहां - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

निठारी कांड मामले में सुरेंद्र कोली को बरी करने पर सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस, जानें यहां

Renu Upreti
3 Min Read
Supreme Court issues notice on acquittal of Surendra Koli in Nithari case

नोएडा का चर्चित निठारी कांड एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। 2005-2006 के नोएडा निठारी कांड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली को बरी करने के खिलाफ यूपी सरकार और सीबीआई की याचिकाओं पर नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों से चार सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है। आइये जानते हैं क्या है पूरा मामला।

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट को दिया नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा नाबालिग लड़कियों के यौन उत्पीड़न और उनकी हत्या के गुनाहगार को 12 मामलों में बरी किए जाने के हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दाखिल सीबीआई की याचिका पर सुरेंद्र कोली को नोटिस जारी किया है। सीबीआई द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि जब निचली अदालत ने मृत्युदंड सुनाया था, तब हाई कोर्ट ने उसे बरी करने का आदेश देकर गलती की।

सबूत के अभाव में बरी

बीते साल नोएडा के चर्चित निठारी कांड के दोनों आरोपियों सुरिदर कोली के सहयोगी मोनिंदर सिंह पंढेर को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सबूत के अभाव में बरी कर दिया था। दोनों पर बच्चों की हत्या कर के उन्हें खाने के संगीन आरोप लगे थे जिसके बाद दोनों को 17 साल की सजा के बाद रिहा किया गया।

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि साल 2006 में नोएडा के निठारी गांव में स्थित पंढेर के डी-5 बंगले और उसके आसपास कई मानव अवशेषों की खोज के बाद नोएडा पुलिस ने दोनों आरोपियों सुरिंदर कोली और कोली के सहयोगी मोनिंदर सिंह पंढेर को गिरफ्तार कर लिया था। दोनों पर हत्या के कई मामलों का आरोप लगाया था। इस भयानक खबर के बाद अगले ही दिन, एक खबर फैल गई कि दोनों ने शवों के अवशेषों को प्रेशर कुकर में पकाया और उन्हें खा लिया।

इलाबाहाद उच्च न्यायालय का फैसला

वहीं इलाबाहाद उच्च न्यायालय ने सुरिंदर सिंह कोली को हत्या, अपहरण, बलात्कार और सबूत नष्ट करने के सभी आरोपों सो बरी कर दिया और कहा कि उसे दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं थे। कोली के सहयोगी मोनिंदर सिंह पंढेर को भी 17 साल पुराने मामले में बरी कर दिया गया।

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