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सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम महिलाओं के लिए सुनाया जरुरी फैसला, जानें यहां

Renu Upreti
2 Min Read
Supreme Court gave important decision for Muslim women

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि मुस्लिम महिला सीआरपीसी की धारा 125 के तहत अपने पति से गुजारा भत्ता मांग सकती है। कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम महिलाएं इसके लिए याचिका भी दायर कर सकती हैं। आइये जानते हैं सुप्रीम कोर्ट के इस अहम फैसले के बारे में विस्तार से।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, तेलंगाना हाई कोर्ट ने एक मुस्लिम युवक को अंतरिम तौर पर अपनी पूर्व पत्नी को गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था। इस आदेश के खिलाफ युवक ने फरवरी 2024 में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। शख्स ने अपनी याचिका में कहा था कि इस मामले में गुजारा भत्ता 125 सीआरपीसी के बजाय मुस्लिम महिला अधिनियम, 1986 के प्रावधानों द्वारा शासित होना चाहिए।

कोर्ट में क्या हुआ?

मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मुस्लिम महिला सीआरपीसी की धर्म तटस्थ धारा-125 के कहत पति से गुजारा भत्ता मांगने की हकदार है। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस नागरथन और जस्टिस जॉर्ज मसीह की पीठ ने आज इस मामले की विस्तृत सुनवाई करते हुए दो अलग-अलग लेकिन समवर्ती फैसले दिये हैं।

पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला

पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला देते हुए कहा कि एक भारतीय विवाहित पुरुष को इस बात के प्रति सचेत रहना चाहिए कि अगर उसकी पत्नी आर्थिक रुप से स्वतंत्र नहीं है तो पति को उसके लिए उपलब्ध रहना होगा। इस तरह के सशक्तिकरण का मतलब उसके संसाधनों तक पहुंच होगी। कोर्ट ने कहा कि जो भारतीय पुरुष अपने निजी या व्यक्तिगत खर्च से ऐसा करते हैं उससे कमजोर महिलाओं की मदद होती है और ऐसे पति के प्रयासों को स्वीकार किया जाना चाहिए।

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