वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में मिली शिवलिंग जैसी आकृति की कार्बन डेटिंग और पूरे परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण पर अगली सुनवाई तक सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी में शिवलिंगनुमा आकृति की कार्बन डेटिंग का आदेश दिया था। इसके बाद ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति ने सुप्रीम कोर्ट में इस आदेश को चुनौती दी थी।
सात अगस्त तक टाली सुनवाई
शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश में संबंधित निर्देशों का क्रियान्वयन अगली सुनवाई तक स्थगित रहेगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मामले की सुनवाई सात अगस्त तक के लिए टाल दी है। तब तक कार्बन डेटिंग पर रोक जारी रहेगी। इससे पहले, सुनवाई में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हुजैफा अहमदी की दलीलों का संज्ञान लिया था और याचिका को शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई थी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 मई को दिया था आदेश
जानकारी के अनुसार इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 मई को अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर, ज्ञानवापी मस्जिद में मिली उस संरचना की उम्र निर्धारित करने का आदेश दिया था, जिसके ‘शिवलिंग’ होने का दावा किया जा रहा है।
हाईकोर्ट ने वाराणसी जिला अदालत के उस आदेश को रद्द कर दिया था, जिसके तहत मई 2022 में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में किए गए सर्वे के दौरान मिली संरचना की कार्बन डेटिंग सहित अन्य वैज्ञानिक परीक्षण कराने के अनुरोध वाली याचिका खारिज कर दी गई थी। हाईकोर्ट ने वाराणसी के जिला न्यायाधीश को ‘शिवलिंग’ का वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराने के हिंदू पक्ष के अनुरोध पर कानून के अनुसार आगे बढ़ने का निर्देश दिया था।