विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा किए जा रहे बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त नाराजगी जाहिर की है। एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्या कोई किसी का भी घर सिर्फ इसलिए तबाह कर सकता है, क्योंकि वह आरोपी है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर कोई आरोपी दोषी भी पाया जाता है तो उसका घर बिना तय कानून के तबाह नहीं किया जा सकता है।जस्टिस बीआर गवई ने मुस्लिम संगटन जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, सिर्फ इसलिए घर कैसे गिराया जा सकता है कि वह आरोपी है? अगर वह दोषी है तो भी घर नहीं गिराया जा सकता है।
कानून का उल्लंघन होने पर घरों को गिराया जा रहा
वहीं सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की और से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि कानून का उल्लंघन होने पर घरों को गिराया जा रहा है। उन्होनें कहा, हम तभी कार्रवाई करते है जब कानून का उल्लंघन होता है। इसके जवाब में पीठ ने कहा, लेकिन शिकायतों को देखते हुए, हमें लगता है कि उल्लंघन हुआ है। न्यायमूर्ति विश्वनाथन ने पूरे राज्य में अनाधिकृत इमारतों को धवस्त करने के लिए एक दिशानिर्देश की जरुरत पर भी गौर किया। न्यायमूर्ति गवई ने कहा, ‘सुझाव आने दीजिए। हम अखिल भारतीय स्तर पर दिशानिर्देश जारी करेंगे’।
17 सिंतबर को होगी मामले की सुनवाई
वहीं अब मामले की सुनवाई 17 सिंतबर को तय की गई है। दरअसल, बुलडोजर एक्शन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई थी। इन्हीं याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी दी है।