बीते दो दिन पहले का दिन देश के लिए काला दिन साबित हुआ. नक्सली हमले से देश दहल गया। बता दें कि इस नक्सली हमले में जिला जांजगीर के ग्राम पिहरीद निवासी, उप निरीक्षक दीपक भारद्वाज बीजापुर सुकमा बॉर्डर में शहीद हो गए। उनकी शहदत की खबर से घर में कोहराम मच गया। उनका एक छोटा बेटा है। उन्होंने कुछ ही दिन पहले पिता को फोन कर कहा था कि पिता जी यहां बहुत बिजी हूं. बहुत काम है बाद में बात करुंगा। लेकिन परिवार को क्या पता था कि वो फिर कभी फोन नहीं करेगा।
2019 में हुई थी शादी, 2013 में हुए थे भर्ती
मिली जानकारी के अनुसार शहीद जवान की शादी 2019 में हुई थी। बास्केटबॉल और सिंगिंग के शौकीन दीपक इससे पहले भी कई बार नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन को अंजाम दे चुके थे। शनिवार को सर्चिंग पर निकले दीपक की टीम को नक्सलियों ने घेर कर फायरिंग शुरू कर दी जिसमें कई जवान घायल हो गए। दीपक ने साथी जवानों का घेरा बना कर घायलों को सुरक्षित रखते हुए नक्सलियों की फायरिंग का जवाब देने लगे। इसी दौरान उनके करीब आईईडी ब्लास्ट हुआ और उनकी जान चली गई।6 सितंबर 1990 को जन्मे दीपक ने 2013 में छत्तीसगढ़ पुलिस ज्वॉइन की थी। उनकी तैनाती बीजापुर में थी। साथी जवानों का कहना है कि दबाव के बीच गाने गाना दीपक की आदत थी। शनिवार को भी जब वे नक्सलियों से लोहा ले रहे थे तो साथियों का मनोबल बनाए रखने के लिए बीच-बीच में गाने गा रहे थे। लेकिन अतिवादियों के विस्फोट में उनके सुर हमेशा के लिए खामोश हो गए।
बता दें कि शहीद का पार्थिव शरीर सड़क मार्ग द्वारा बीजापुर से जगदलपुर लाया गया। पार्थिव शरीर देख घर सहित में कोहराम मच गया। यहां मुख्यमंत्री के द्वारा उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। बता दें कि आज 5 अप्रैल को शहीद जवान को हेलीकॉप्टर के माध्यम से रायगढ़ लाया गया। श्रद्धांजलि अर्पण के बाद मालखरोदा, उनके गृह ग्राम पीहरीद लाया गया जहां वीर शहीद को सम्मान पूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित कर उनका अंतिम संस्कार किया गया।
आपको बता दें कि बीजापुर नक्सल हमले में शहीद जवानों की संख्या बढ़कर 22 हो गयी है। शहीद जवानों में 8 जवान डीआरजी के, एसटीएफ के 7, सीआरपीएफ कोबरा के 8 जवान और बस्तर बटालियन के एक जवान शामिल हैं। इस हमले में अकेले बीजापुर के 7 जवान शहीद हुए हैं।