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उत्तराखंड में गजब हो रहा है। आमतौर पर अब तक भ्रष्टाचार के आरोप अधिकारियों और सरकारी कार्मिकों पर लगते हैं लेकिन उत्तराखंड में अब कुछ छात्रों पर भी फर्जी बिलों के जरिए पेमेंट लेने की कोशिश का मामला सामने आया है।
दरअसल सरकार ने डिग्री कॉलेज के छात्रों को टैबलेट देने का ऐलान किया था। इसके लिए टैबलेट खरीदे जाने थे। लेकिन सरकारी विभाग द्वारा टैबलेट खरीद में गोलमाल न हो तो लिहाजा सरकार ने तय किया कि छात्र ही टैब खरीदेंगे और बिल लगाने पर उन्हें टैब की राशि दी जाएगी।
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अब यहीं कुछ छात्रों ने ‘खेल’ कर दिया है। दरअसल कुछ छात्रों ने टैबलेट खरीद के फर्जी बिल बनवाए हैं। ऐसा मामला अगस्त्यमुनि में राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में सामने आया है। यहां लगभग 40 फर्जी बिल पकड़े गए हैं। पता चला है कि किसी सॉफ्टवेयर की मदद से ये बिल जेनरेट किए जा रहें हैं और छात्र इसे ही सरकार से पैसे लेने के लिए लगा रहें हैं।
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पता ये भी चला है कि कुछ छात्रों ने अपने बिल में टैब की जिस ईएमआई का उल्लेख किया है वो पहले कि 10वीं या 12वीं के किसी छात्र को मिल चुका है।
इन बिलों की जांच में विभागीय अधिकारियों को खासी दिक्कत सामने आ रही है। दरअसल ऐसा कोई मैकेनिज्म नहीं है जिससे एक ही क्लिक में बिलों की जांच की सके।