कहते हैं, किस्मत हर किसी को मौका देती है, कुछ लोगों की जिंदगी उस मौके के इंतज़ार में गुज़र जाती हैं… तो वहीं कुछ लोग उस मौके को खुद बना लेते हैं। उन्हीं में से एक है शाहरूख खान। शाहरुख़ ख़ान, ये वहीं नाम है जिसने ज़िंदगी के बंद दरवाज़ों को ठोकर मारकर पूरी दुनिया को ही अपना मंच बना लिया। दिल्ली की गलियों से लेकर मुंबई के समंदर किनारे बने Mannat तक का ये सफ़र।
ये सिर्फ एक एक्टर की कहानी नहीं, बल्कि उस इंसान की दास्तान है जिसने हार कभी हार नहीं मानी। आज भले ही शाहरुख किंग खान बन गए हो लेकिन एक वक्त ऐसा था जब उन्हें ये कह दिया गया था कि तुम हीरो बनने के लायक ही नहीं हो। किंग खान के जन्मदिन के मौके पर चलिए उनकी लाइफ के बारे में जानते है।
जिसने दुनिया को ही अपना मंच बना लिया- Shah Rukh Khan Story
बॉलीवुड एक्टर शाहरुख खान भले ही आज इंडस्ट्री पर राज करते हैं। लेकिन उन्होंने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए काफी स्ट्रगल किया। शुरूआत से देखा जाए तो शाहरुख़ का बचपन आसान नहीं था। पिता का साया जल्दी उठ गया जिसके चलते उनके कंधों पर घर की ज़िम्मेदारियां आ गईं।
किंग खान को ‘किंग’ किसने बनाया?
लेकिन दिल्ली के इस लड़के के अंदर एक ललक थी। कुछ कर दिखाने की, कुछ बनने की। दिल्ली के थिएटरों से लेकर, छोटे-छोटे मंचों तक, शाहरुख ने अपनी ऐक्टिंग स्किल पर दिन रात काम किया। शुरूआत में शाहरुख खान ने टीवी इंडस्ट्री में कदम रखा। “Fauji” और “Circus” जैसे सीरियल्स से वो घर-घर में पहचाना जाने लगा। लेकिन बॉलीवुड का रास्ता आसान नहीं था।
कहते हैं, मुंबई हर किसी का इम्तिहान लेती है, शाहरुख़ से भी लिया। लोगों ने उन्हें कहा, “चेहरा ठीक नहीं है, आवाज़ अजीब है, ये रोमांटिक हीरो नहीं बन सकता।”
शाहरुख खान की स्ट्रगल स्टोरी
एक इंटरव्यू में भी शाहरुख खान ने अपनी स्ट्रगल स्टोरी के बारे में बात करते हुए एक किस्सा शेयर किया था। जिसमें उन्होंने बताया था कि उन्हें सिर्फ एक्टिंग का शौक था। जब भी शाहरुख किसी बड़े आदमी से मिलते थे तो वो हमेशा उनमें कुछ ना कुछ कमी निकाल देते थे। जब वो फिल्मों में काम मांगने जाते थे तब उनसे कहा जाता था कि तुम्हारी हाइट छोटी है, तुम्हारी नाक खराब है, तुम बहुत तेज बोलते हो, तुम्हारा रंग भी सांवला है तुम हीरो नहीं बन पाओगे।
कुछ तो बात है शाहरूख में
कोई ना कोई कमी निकाल देते थे। लेकिन शाहरुख खान में भी एक्टिंग का कीड़ा है उसे वो कैसे ही मार देते।
उन्हें किसी की मंज़ूरी की ज़रूरत नहीं थी। वो तो खुद को साबित करने निकले थे। फिर आई फिल्म “Deewana”, शाहरुख खान की पहली फिल्म और बस वहीं से शुरू हुआ शाहरुख खान का किंग खान बनने का सफर।
हीरो के साथ-साथ शाहरूख ने Baazigar” और “Darr” में विलेन बनकर भी लोगों का दिल जीता लिया। इन्हीं फिल्मों के बाद लोगों को एहसास हुआ कि शाहरूख में कुछ तो बात है।
हालांकि असली ताज उन्हें तब मिला जब दुनिया ने उन्हें “राज”, “राहुल” और “राज मल्होत्रा” के करिदार में देखा। “Dilwale Dulhania Le Jayenge” ने उसे सिर्फ स्टार नहीं, एक इमोशन बना दिया।
the king is back तक का सफर
इस फिल्म से हर लड़की के दिल में एक सपना बस गया कि कहीं न कहीं एक शाहरुख़ ज़रूर होगा। जो उनके लिए ट्रेन पकड़कर आएगा। शाहरूख खान की कहानी यहीं खत्म नहीं होती। वक्त बदला, सिनेमा भी बदला, बस नहीं बदला तो शाहरुख़ का एक्टिंग से जुनून।
Chak De India”, “Swades”, “My Name is Khan” जैसी फिल्मों से शाहरुख ने ये साबित कर दिया कि वो सिर्फ एक रोमांटिक हीरो नहीं, बल्कि हर किरदार निभा सकते हैं। फिर जब कई सालों बाद “Pathaan” से SRK ने वापसी की तो बॉक्स ऑफिस में तहलका मच गया…सभी थियेटर्स से एक ही आवाज आई the king is back।
न बड़ा नाम, न पैसा, न Godfather…
सोचिए एक इंसान जिसके पास शुरुआत में कुछ भी नहीं था, न बड़ा नाम, न पैसा, न Godfather…आज उसकी एक मुस्कान करोड़ों लोगों की धड़कन रुक जाती है। यही तो जादू है उस शख्स का, जिसने अपने सपनों को सिर्फ देखा नहीं, उन्हें सच कर दिखाया।
आज भी जब वो अपने घर Mannat की बालकनी से लोगों से मिलते है तो वो एक स्टार नहीं लगते वो उन करोड़ों लोगों के लिए एक उम्मीद है, एक ऐसी उम्मीद जो हर उस इंसान को याद दिलाती है कि अगर किसी चीज को दिल से चाहो, तो किस्मत को भी झुकना पड़ता है।



