सोनिया गांधी ने राज्यसभा की सीट के लिए नामांकन भर दिया है। ऐसे में ये साफ हो गया है कि वो अब रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ेंगी। नामांकन के बाद अब उन्होंने अपनी और कांग्रेस की पारंपरिक सीट रायबरेली के लोगों के लिए एक पत्र लिखा है। सोनिया गांधी ने अपने इस पत्र में रायबरेली के साथ अपने और अपने परिवार के साथ रहे जुड़ाव के बारे में लिखा है।
सोनिया गांधी ने लिखा, ‘यह नेह-नाता पुराना है’
सोनिया गांधी ने अपने इस पत्र में लिखा है कि, “मेरा परिवार दिल्ली में अधूरा है। वह रायबरेली आकर और आप लोगों से मिलकर पूरा होता है। यह नेह-नाता बहुत पुराना है और अपनी ससुराल से मुझे सौभाग्य की तरह मिला है।” सोनिया गांधी ने कहा कि रायबरेली के साथ उनके परिवार के रिश्तों की जड़ें बहुत गहरी हैं।
रायबरेली ने चलने की राह दी
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहले लोकसभा चुनावों में आपने मेरे ससुर फिरोज गांधी यहां से जिताकर दिल्ली भेजा। उनके बाद मेरी सास इंदिरा गांधी को आपने अपना बना लिया। उसके बाद से अब तक यह सिलसिला जिन्दगी के उतार-चढ़ाव और मुश्किल भरी राह प्यार और जोश के साथ आगे बढ़ती गई। इसी दौरान आप लोगों ने मुझे चलने की राह दी।
रायबरेली से कौन लड़ेगा चुनाव?
सोनिया गांधी ने अपने इस पत्र में बताया है कि वो चुनाव क्यों नहीं लड़ रही हैं। दरअसल सोनिया गांधी ने इस पत्र के जरिए बताया है कि वो बढ़ती उम्र और स्वास्थ समस्याओं के चलते अब लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ सकती हैं। सोनिया गांधी के राज्यसभा से नामांकन भरने के बाद अब सवाल उठ रहा है कि रायबरेली से कांग्रेस किसे चुनावी मैदान में उतारेगी। रायबरेली और अमेठी कांग्रेस की पारंपरिक सीटें रहीं हैं। हालांकि अमेठी में राहुल गांधी हार गए थे और अब रायबरेली ही कांग्रेस के पास बचा था। माना जा रहा है कि यहां से राहुल गांधी या फिर प्रियंका को मैदान में उतारा जा सकता है।