विधानसभा बैकडोर भर्ती में भ्रष्टाचार व अनियमितता को लेकर समाजसेवी अभिनव थापर ने सरकार पर जमकर हमला किया। थापर ने कहा की राज्य गठन से लेकर अभी तक बैकडोर भर्ती का घोटाला चल रहा है। लेकिन राज्य सरकार इसकी अनदेखी कर रही है।
अभिनव थापर ने सरकार आरोप लगते हुए कहा की सरकारी नेताओं ने और विधानसभा अध्यक्ष ने अपनों करीबियों को नौकरी लगाने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। लेकिन इसे लेकर सरकार ने चुप्पी साधी हुई है। बता दें समाजसेवी अभिनव थापर की ओर से लगाई गई जनहित याचिका पर उच्च न्यायालय नैनीताल ने गंभीर संज्ञान लेते हुए सरकार को 8 हफ्ते में जवाब तलब कर बड़ी कार्रवाई की है। लेकिन 10 हफ्ते बीतने के बावजूद भी अभी तक सरकार ने न्यायालय को कोई जवाब नहीं दिया है.
228 कर्मचारियों की पुनः बहाली का किया आग्रह
सामाजिक कार्यकर्ता अभिनव थापर का कहना है कि पूर्व सांसद और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को पत्र लिखकर और अपने सोशल अकाउंट से ट्वीट कर विधानसभा से निलंबित किया है। इससे उत्तराखंड के युवाओं के हितों और उनके हक हकूकों पर कुठाराघात हुआ है।
अनुरोध अंग्रेजी भाषा में होने के चलते अस्वीकारा
बता दें कि याचिकाकर्ता अभिनव थापर ने पूर्व में उत्तराखंड सरकार व विधानसभा से आरटीआई के माध्यम से कई सूचना एकत्रित कर हाईकोर्ट नैनीताल में अपनी जनहित याचिका के माध्यम से विधानसभा बैकडोर भर्ती घोटाले को खोला था। अभी याचिकाकर्ता अभिनव थापर को उत्तराखंड विधानसभा का एक सरकारी आदेश नीरज थापा उप सचिव व अपीलीय अधिकारी विधानसभा द्वारा जारी किया गया। इस आदेश में कहा गया है की सूचना मांगने के लिए किया गया अनुरोध इंग्लिश में है और सूचना आयोग के निर्देशों के मुताबिक अंग्रेजी में मांगी गई सूचना का आवेदन स्वीकार नहीं होगा इसलिए सूचना दिया जाना संभव नहीं है।
अंग्रेजी में अपील लगाने के बाद विधानसभा सचिवालय के उप सचिव स्तर के अपीलीय अधिकारी द्वारा यह जवाब एक आश्चर्यजनक रूप से संशय पैदा करता है। बल्कि विधानसभा बैकडोर भर्तियों की शैक्षिक योग्यताएं और विधानसभा में बैकडोर कार्यरत अधिकारियों की कार्य-क्षमता पर भी संदेह पैदा करता है।
अधिकारियों की शैक्षणिक योग्यता पर उठाए सवाल
याचिकाकर्ता अभिनव थापर ने कहा कि इस से एक चीज़ साफ होती है की विधानसभा बैकडोर भर्ती के द्वारा जिन लोगो को राज्य बनने के बाद से 2000 से 2022 तक जो नौकरियां मिली है, उनकी योग्यता व शैक्षणिक के स्तर का पोल जनता के सामने खुलती नजर आ रही है।