मणिपुर में जातीय हिंसा को लेकर केंद्र के साथ-साथ राज्य की भाजपा सरकार की शिवसेना ने आलोचना की है। शिवसेना ने कहा कि अब मणिपुर फाइल्स के नाम से एक फिल्म बननी चाहिए। उन्होनें कहा कि उत्तर-पूर्वी राज्य में हिंसा और अत्याचार कश्मीर से ज्यादा खराब है।
वहीं शिवसेना पार्टी ने कहा कि जिस तरह से चार मई को बनाया गया एक वीडियो जिसमे मणिपुर मे दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमाया जा रहा है वह बहुत ही शर्मनाक है। पार्टी ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान नहीं लिया होता तो पीएम मोदी इस मामले पर कुछ नहीं बोलते।
क्या कहा था पीएम मोदी ने
बता दें कि पीएम मोदी ने गुरूवार को कहा था कि मणिपुर में महिलओं को निर्वस्त्र कर घुमाने की घटना ने पूरे दे के लोगों को शर्मसार किया है। उन्होनें कहा कि कानून अपनी पूरी ताकत के साथ काम करेगा और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
हिंसा की कोई कमी नहीं
वहीं पार्टी ने कहा कि अगर राज्य में गैर-भाजपा की सरकार होती तो अब तक उसे बर्खास्त कर दिया होता। वहीं मणिपुर के सीएम को राजनीतिक रूप से महत्तवहीन बताया गया है। पार्टी ने कहा कि मणिपुर में 60,000 केंद्रीय अर्धसैनिक बल तैनात हैं और फिर भी हिंसा में कोई कमी नहीं आई है। इसका मतलब है कि स्थिति प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री के नियंत्रण से बाहर हो गई है।