सुप्रीम कोर्ट ने शरद पवार को मंगलवार को बड़ी राहत दी है। दरअसल, कोर्ट ने शरद पवार गुट को लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के नाम राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरदचंद्र पवार का और पार्टी चिह्न तुरहा बजाते व्यक्ति का इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है।
तुरहा बजाते हुए आदमी का चुनाव चिह्न
जस्टिस सूर्यकांत और केवी विश्वनाथन की पीठ ने अनुभवी राजनेता शरद पवार गुट को तुरहा बजाते हुए आदमी को अपने चुनावी चिह्न के तौर पर इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है। इसके साथ ही, उन्होनें शरद पवार गुट को निर्देश दिया है कि वह आगामी लोकसभा चुनाव चिन्ह और नाम के आधार पर लड़ेंगे।
चुनाव आयोग को दिया निर्देश
पीठ ने चुनाव आयोग और राज्य चुनाव आयोग को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरदचंद्र पवार और उसके चुनाव चिन्ह तुरहा बजेता आदमी को मान्यता देने का निर्देश दिया है। चुनाव आयोग से यह भी कहा कि वह किसी अन्य पार्टी या स्वतंत्र उम्मीदवार को ‘तुरहा बजाते हुए आदमी’ चुनाव चिह्न आवंटित न करे।
साथ ही, कोर्ट ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट से अंग्रेजी, हिंदी और मराठी में समाचार पत्रों में एक सार्वजनिक नोटिस जारी करने के लिए कहा, जिसमें कहा गया कि ‘घड़ी’ प्रतीक न्यायाधीन है और इसका उपयोग निर्णय के अधीन है। पीठ ने कहा कि अजीत पवार गुट को सभी चुनाव संबंधी ऑडियो-विजुअल विज्ञापनों, बैनर और पोस्टर जैसी प्रचार सामग्री में इसी तरह की घोषणा करनी होगी।