देहरादून : कर्मकार बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल और कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के बीच विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है और दोनों आए दिन एक दूसरे पर जुबानी हमला करने से चूक नहीं रहे हैं। दोनों के बीच की जंग अब किसी से छुपी नहीं है विपक्ष भी इसको लेकर काफी सवाल करते आए हैं. ताजा मामला साइकिलों को लेकर है, जहां बीते दिनों विकासनगर में सैंकडो़ं साइकिलें जंग खाते पाई गई जिसके बाद यह मामला सुर्खियों में आ गया था। इस पर जांच बैठाई गई।
हालांकि श्रम मंत्री हरक सिंह रावत के बोर्ड के अध्यक्षीय कार्यकाल के दौरान यह साइकिलें खरीदी गई थीं। तब से ये मसला सुर्खियों में है। हालांकि, श्रम मंत्री रावत ने साफ किया था कि उनके कार्यकाल में बोर्ड ने साइकिल आपूर्ति का जिम्मा भारत सरकार के दो उपक्रमों को सौंपा। अनुबंध की शर्तों के मुताबिक गोदाम भी इन्हीं उपक्रमों के हैं। पिछले 17 माह में कोरोना संकट के कारण शिविर आयोजित न होने से साइकिलें नहीं बांटी जा सकीं। जब भी ये बंटेंगी, संबंधित कंपनी अच्छी साइकिलें मुहैया कराएगी।
वहीं अब इस मामले में बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल ने श्रम मंत्री को घेरा और वार किया।
श्रमायुक्त को भेजे पत्र में उन्होंने कहा कि बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष एवं सचिव द्वारा तय व्यवस्था के अनुसार साइकिलें वितरित नहीं कीं। साइकिलों को नियम विरुद्ध विभिन्न स्थानों में संग्रहित किए जाने से ये खराब होने की स्थिति में है। उन्होंने यह भी कहा है कि यह प्रकरण उछलने के बाद संग्रहित साइकिलें अन्यत्र स्थानांतरित कर दी गई हैं।
शमशेर सत्याल ने कहा कि साइकिल वितरण न होने से जहां श्रमिक इनके लाभ से वंचित हैं, वहीं इनकी अनावश्यक खरीद से बोर्ड को वित्तीय हानि हुई है। उन्होंने कहा कि श्रमायुक्त के माध्यम से होने वाली जांच में जिस भी स्तर पर गड़बड़ी पाई जाएगी, संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।