वरिष्ठ पत्रकार मधुकांत प्रेमी का मंगलवार सुबह निधन हो गया है. उनके निधन की खबर मिलने के बाद से मिडिया जगत में शोक की लहर दौड़ पड़ी है. बता दें मधुकांत प्रेमी ने 91 साल की उम्र में आखिरी सांस ली.
वरिष्ठ पत्रकार मधुकांत प्रेमी का निधन
मधुकांत प्रेमी के पुत्र और उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार अवनीश प्रेमी ने बताया कि ज्वालापुर से दो बजे अंतिम यात्रा शुरू होगी. कनखल के श्मशान घाट पर उनके पिता का अंतिम संस्कार किया जाएगा. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मधुकांत प्रेमी के निधन पर दुख जताया है.
सीएम धामी ने जताया दुख
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार के वरिष्ठ पत्रकार मधुकांत प्रेमी के निधन पर शोक व्यक्त किया है. मुख्यमंत्री ने दिवंगत की आत्म शांति और शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है. इसके साथ ही सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने भी मधुकांत प्रेमी के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की है.
आपातकाल में पांच बार जेल गए थे मधुकांत प्रेमी
25 जून 1975 को आपातकाल लागू होने के बाद से ही मीडिया पर सेंसरशिप लागू हो गई थी. आपातकाल की आड़ में तत्कालीन सरकार के बीस सूत्री और पांच सूत्री कार्यक्रमों के क्रियान्वयन विशेषकर नसबंदी को लेकर आम जनता के साथ ज्यादती का दौर शुरू हुआ था. पत्रकारिता के धर्म का पालन करते हुए उन्होंने इसके सच से जनता को रूबरू कराने की कोशिश की तो सरकार उनसे नाराज हो गई. जिसके बाद उन्हें पांच बार सरकार की ओर से जेल भेजकर उत्पीड़न किया गया.