नई दिल्ली: देश में 10,0000 की आबादी पर औसतन 156 पुलिसकर्मी तैनात हैं. इस हिसाब से देखा जाए तो देश में एक पुलिसकर्मी पर 641 लोगों की सुरक्षा का जिम्मा है। राष्ट्रीय स्तर पर पुलिसकर्मियों की स्वीकृत संख्या प्रति एक लाख की आबादी पर 195 है. यानी कि सरकार ने 1 पुलिसकर्मी को 512 लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी है. जबकि वास्तविकता यह है कि राष्ट्रीय स्तर पर प्रति एक लाख लोगों पर वास्तविक पुलिसकर्मियों की औसतन संख्या 151 ही है.
भारत के राज्यों में पुलिसिंग व्यवस्था जवानों, अधिकारियों और संसाधनों की किल्लत से जूझ रही है. हालांकि, पिछले तीन सालों में देश के आधे से अधिक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में अधिकारियों की बहाली हुई है और स्थिति कुछ हद तक सुधरी है.इंडिया जस्टिस रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी 2020 तक राष्ट्रीय स्तर पर 3 पुलिस अधिकारियों में से 1 पद खाली है.
इंडिया जस्टिस रिपोर्ट की पुलिस रैंकिंग में कर्नाटक को टॉप स्पॉट हासिल हुई है, कर्नाटक एकमात्र ऐसा राज्य है, जिसने अधिकारी और कॉन्स्टेबल भर्ती में एसी/एसअी और ओबीसी कोटे की सभी सीटें भरी थीं. भारत के राज्यों की न्याय व्यवस्था की रैंकिंग करने के लिए टाटा ट्रस्ट सेंटर फॉर सोशल जस्टिस, कॉमन कॉज, कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव, दक्ष, हाउ इंडिया लिव्स, टीआईएसएस, प्रयास और विधि सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी के साथ मिलकर काम करता है.