यह किसी साइंस फिक्शन के सच होने जैसा है। शोधकर्ताओं ने समय और स्पेस को तोड़े बिना वार्महोल बना लेने की घोषणा की है। वैज्ञानिकों के अनुसार उन्होंने क्वांटम कंप्यूटर में दो ब्लैकहोल्स की नकल तैयार कर स्पेस और टाइम के बीच संदेश प्रसारित करने में सक्षम सुरंग बना ली है। यही सुरंग वार्महोल कहलाती है। उन्होंने एक क्वांटम सूचना को भी टेलीपोर्ट किया। जरनल नेचर में यह शोध प्रकाशित हुआ है।
इस शोध के संबंध में कई भौतिक विज्ञानियों का कहना है जो वार्महोल बनाया गया है वह असल में सिर्फ उसका मॉडल है। वास्तविक और भौतिक रूप से अभी वार्महोल नहीं बना है, बल्कि भविष्य के लिए संभावना बनी है।
एमआईटी के भौतिक विज्ञानी डेनियल हर्लो के मीडिय में छपे बयानों के अनुसार यह प्रयोग सिर्फ एक मॉडल बनाने जैसा है और उतना ही साधारण है जैसे पढ़ाई के दौरान हम कागज पर पैंसिल से बनाते हैं। यह हमें क्वांटम गुरुत्व के बारे में कुछ भी नहीं बताता है, जिसे हम अभी तक भी नहीं जानते हैं।
वार्महोल क्या होता है
वार्महोल स्पेस और समय के बीच दरार है। इस ब्रह्मांड के दो दूरस्थ क्षेत्रों के बीच एक ब्रिज के रूप में देखा जाता है। वैज्ञानिक अपनी भाषा में इसे आइंस्टीन रोजन ब्रिज के नाम से जानते हैं। असल में वार्महोल की व्याख्या दो वैज्ञानिकों अल्बर्ट आइंस्टीन और नाथन रोजन ने ही की थी। दोनों के नाम पर ही इसे आइंस्टीन रोजन ब्रिज का नाम दिया गया है।
सब कुछ शून्य
अमरीका की पार्टीकल फिजिक्स और एक्सेलेरेटर लैबोरेटरी फर्मीलैब के भौतिक विज्ञानी और शोधकर्ता जोजफ लिकेन के अनुसार यह वार्म होल शून्य की तरह दिखता है, शून्य की तरह चलता है और शून्य की तरह ही बोलता है। अभी तक हम इसके बारे में इतना ही कह सकते हैं।
हमें इसके गुणों के बारे में जो कुछ पता चला है, वह है इसका वार्महोल होना। शोध में उनकी सहयोगी मारिया स्पिरोपुलु ने कहा कि अभी एक बेबी वार्महोल तैयार हुआ है और अब कदम दर कदम टोडलर वार्महोल तथा वयस्क वार्महोल बनाने की उम्मीद जगी है। वार्महोल की डायनामिक्स गूगल पर एक क्वांटम डिवाइस जिसे सिकामोर क्वांटम प्रोसेसर कहा जाता है से देखी जा सकती हैं।