हल्द्वानी- उत्तराखंड में आज से कक्षा 9 से 12 के स्कूल खुल गए हैं। अभिभावक कोरोना को लेकर अभी भी डरे हुए हैं और तीसरी लहर के अलर्ट को लेकर भय में है। अभिभावक अभी बच्चों को स्कूल भेजने के मूड में नहीं दिख रहे हैं। कई अभिभावकों ने सरकार के इस फैसले पर सवाल खड़े किए हैं। अभिभावकों के डर का नतीजा आज स्कूल में देखने को मिला। कई स्कूलों में बच्चों की संख्या बेहद कम रही। आज प्रदेश भऱ में सरकारी और गैर सरकारी स्कूल खोले गए। लिहाजा कोविड के दौरान स्कूल प्रबंधन के लिए चुनौती काफी बढ़ गई है.
नैनीताल डीएम का प्लान
स्कूलों के खुलने पर डीएम नैनीताल धीरज गर्ब्याल ने कहा कि स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी और चुनौतियां काफी बढ़ गई है। स्कूल में कोविड का पालन कराना स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी होगी. डीएम ने कहा कि जिला प्रशासन स्कूलों में रेंडम सेंपलिंग कराने पर भी विचार कर रहा है, यही नहीं कोशिश यह भी की जा रही है कि डॉक्टर्स की एक टीम हर 10 से 15 दिन के भीतर हर स्कूल में जाकर बच्चों का परीक्षण करें जिससे आने वाले किसी भी खतरे से बच्चों को बचाया जा सके और उनकी पढ़ाई भी जारी रखी जा सके।
आपको बता दें कि कोरोना की तीसरी लहर के अलर्ट को देखते हुए अभिभावकों में डर का माहौल है। वो बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं। आज भी कम संख्या में बच्चे स्कूूल पहुंचे हैं। नैनीताल डीएम की ये रणनीति अगर लागू हो तो इससे अभिभावकों में डर कम होगा और वो बच्चों को स्कूल भेजने में कतराएंगे नहीं.
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