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उत्तराकाशी में आए एवलांच में माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने वाली सविता कंसवाल की भी मौत हो गई। शुक्रवार को उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। शुक्रवार को सविता का शव जिला अस्पताल के मोर्चरी में लाया गया। इसके बाद सविता का शव उसके गांव लौंथरू ले गए जहां परिजनों की सहमति पर उसे जल समाधि दे दी गई।
रो पड़ा पूरा गांव
सविता का शव उनके गांव पहुंचते ही मानों हर आंख नम हो गई। पूरा गांव सविता के जाने से दुखी हो गया। गांव में लोगों ने सविता के अंतिम दर्शन किए। हालांकि इस दौरान सविता की बुआ लगातार सविता का चेहरा देखने की जिद करती रहीं लेकिन उन्हें चेहरा नहीं दिखाया गया। इसके बाद परिजनों ने सविता को जल समाधि दे दी।
बनाया था विश्व रिकॉर्ड
सविता कंसवाल निम में प्रशिक्षक के तौर पर कार्यरत थीं और द्रौपदी का डांडा – 2 के आरोहण के लिए निकले प्रशिक्षार्थियों के साथ थीं। एवलांच में सविता कंसवाल की भी मौत हो गई थी। सविता कंसवाल एवरेस्ट विजेता थीं और अपने जज्बे से पूरे उत्तराखंड का नाम रौशन कर चुकी थीं। सविता ने इसी साल मई के महीने में एवरेस्ट फतह किया था। इसके 15 दिन बाद सविता 8463 मीटर ऊपर माउंट मकालू पर भी पहुंची थीं। सविता ने नेशनल रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया था। इससे पहले साल 2021 में एवरेस्ट मैसिफ अभियान के तहत विश्व की चौथी सबसे ऊंची चोटी माउंट ल्होत्से (8516 मीटर) का भी सफल आरोहण किया था।
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सविता ने इन चोटियों को किया था कदमों के नीचे –
• माउंट एवरेस्ट (8848 मीटर), नेपाल
• ल्होत्से (8516 मीटर), नेपाल
• माउंट त्रिशूल (7120 मीटर)
• माउंट तुलियान (4800 मीटर)
• कोलाहाई (5400 मीटर), जम्मू-कश्मीर
• माउंट लबूचे (6119 मीटर)
इनके अलावा, माउंट चंद्रभागा, माउंट हनुमान टिब्बा, द्रोपती का डांडा पर भी सविता सफलतापूर्वक आरोहण कर चुकी थीं।