हरिद्वार : कोरोना काल मे लॉकडाउन के चलते घर बैठे समाज के हर वर्ग के मनभाव और घटती लक्ष्मी के चलते पड़ रहे बोझ को अगर किसी ने बेहद करीब से देखा है तो वो है खाकी। इतने करीब से कि जितना पड़ोसी ना देख पाए और न ही रिश्तेदार। उस बोझ और बेबसी का मर्म समझकर खाकी ने उस हर व्यक्ति की मदद करने की भरपूर कोशिश की जिसे जरूरत थी। चाहे वो चूल्हा जलाने के ईंधन की बात हो या पकाने के लिए राशन की, ऑक्सीजन सिलेण्डर की बात हो या जीवन रक्षक दवाओं की।
इन्हीं बेबसी भरे लम्हों के गवाह रहे मित्रता, सेवा और सुरक्षा का किरदार साकार कर रहे थाना खानपुर की बालावाली चौकी मे तैनात आरक्षी रघुनाथ और पीआरडी मुकेश। इन जवानों ने जो काम किया इसको लेकर एक सलाम तो खाकी केलिए बनता है।हर कोई पुलिस को कोसता है और कई कर्मचारियों औऱ अधिकारियों ने खाकी को दागदार भी किया लेकिन कई ऐसे में खाकी दारी हैं जो खाकी की शान बचाएं हैं और शान बढ़ाएं हैं।
आपको बता दें कि रोज की तरह आज भी रघुनाथ संजीदा तरीके से अपनी ड्यूटी निभा रहे थे कि तभी उन्हे सड़क पर पड़े पर्स मे कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज और 5000 मिले। ऐसे रुपए मिलना आमतौर पर खुशी देता है लेकिन यहां अलग प्रतिक्रिया थी। व्याकुल होकर रघुनाथ ने कागजात खंगालने शुरू किए और अपने सहयोगी पीआरडी मुकेश की मदद से पर्स स्वामी का पता ढूंढा। अमानत लौटाने के पश्चात ही दोनो ने चैन की सांस ली।
वाकई हमें आप पर गर्व है “रघुनाथ और मुकेश”