यूक्रेन से युद्ध को एक साल पूरे होने से ठीक पहले आज यानी मंगलवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन देश को संबोधित किया। पुतिन ने रूस-यूक्रेन संकट का जिम्मेदार पश्चिमी देशों को बताया है। अपने वार्षिक संबोधन के दौरान पुतिन ने कहा कि हम इस समस्या को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने का हरसंभव प्रयास कर रहे थे लेकिन उनकी पीठ के पीछे एक अलग परिदृश्य तैयार हो रहा था। पुतिन ने पश्चिमी देशों पर रूस की सीमा के नजदीक सैन्य दल विकसित करने का आरोप लगाया।
पुतिन ने कहा कि रूस ने शुरुआत में जंग को टालने की भरपूर कोशिश की थी लेकिन नाटो और अमेरिका ने इसे कामयाब नहीं होने दिया। हम तो अभी भी उनसे बातचीत करने को तैयार हैं लेकिन हमें उनकी शर्तें मंजूर नहीं है। पुतिन ने कहा कि सच तो यही है कि इस संकट की वजह पश्चिमी देश हैं उनकी वजह से ही ये जंग शुरू हुई है। पुतिन ने कहा कि पश्चिमी देश यूक्रेन के कंधे पर बंदूक रखकर चला रहे हैं। वे यूक्रेनी लोगों को मूर्ख बना रहे हैं।
नाजी खतरों से जूझ रहा रूस
नाजी खतरों से जूझ रहा रूस पुतिन ने अपने संबोधन में कहा कि उन्होंने डोनबास इलाके का मामला है तो हमने हमेशा कहा कि पहले इसे शांति से सुलझा लीजिए। लेकिन, यूक्रेन जैविक और परमाणु हथियार इकट्ठा करने की कोशिश कर रहा था। पुतिन ने कहा कि यूक्रेन की सरकार रूस के प्रति घृणा और खतरे को लगातार बढ़ावा दे रही है। पुतिन ने फिर से यूक्रेन पर किए गए हमले को एक स्पेशल ऑपरेशन बताया है।
पुतिन ने कहा कि रूस लगातार नाजी खतरों से जूझ रहा था। यूक्रेन को मोहरा बना रहा अमेरिका पुतिन इतने पर ही नहीं रुके। पुतिन ने कहा कि अमेरिका और उनके साथी बस अपना दबदबा बनाने के लिए एक साजिश के तहत दूसरों को अपना मोहरा बना रहे हैं। पुतिन ने कहा कि पश्चिमी देशों ने ही इस जिन्न को बोतल से बाहर निकाला है और अब वे ही इसे वापस बोतल के भीतर डाल सकते हैं। पुतिन ने आगे कहा कि वे सिर्फ अपने लोगों की मदद करना चाहते हैं और वह इसे बखूबी कर भी रहे हैं।