नई दिल्ली: NCERT की 12वीं क्लास में पढ़ाए जा रहे इतिहास पर फिर सवाल खड़े होने लगे हैं। सूचना के अधिकार में मिली जानकारी के बाद से इस पर बहस फिर शुरू हो गई है। 12वीं की इतिहास की बुक में थीम्स ऑफ इंडियन हिस्ट्री पार्ट-टू में मुगल शासकों की तरफ से युद्ध के दौरान मंदिरों को ढहाए जाने और बाद में उनकी मरम्मत कराए जाने का जिक्र है। इस संबंध में शिवांक वर्मा ने NCERT से आरटीआई के जरिये कुछ जानकारी मांगी थी।
इस सवाल का जवाब देने की बजाय दो टूक शब्दों में कह दिया गया कि विभाग के पास मांगी गई जानकारी के संबंध में फाइल में कोई सूचना उपलब्ध नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या NCERT की हिस्ट्री की बुक्स में आधारहीन इतिहास पढ़ाया जा रहा है। एजुकेशन फील्ड से जुड़ी डॉ. इंदु विश्वनाथन ने ट्वीट किया है। उनके ट्विट के बाद इस पर अब बहस हो रही है।
The evidence is NCERT’s lack of info AND the exchange itself. There is nothing more democratic than a private citizen holding a public institution accountable. NCERT felt this was a sufficient response to the query, with no indication of an investigation or change in the text. https://t.co/D2YXydwJAV
— Dr. Indu Viswanathan (@indumathi37) January 13, 2021
एनबीटी की रिपोर्ट के अनुसारपिछले साल NCERT की 12वीं क्लास की हिस्ट्री की बुक में थीम्स ऑफ इंडियन हिस्ट्री पार्ट-टू के पेज 234 पर दूसरे पैरा में दी गई जानकारी का सोर्स पूछा गया था। इस पैरा में लिखा गया है कि जब युद्ध के दौरान मंदिरों को ढहा दिया गया था, बाद में शाहजहां और औरंगजेब ने इन मंदिरों की मरम्मत के लिए ग्रांट जारी किया था।
आरटीआई में दूसरा सवाल था कि औरंगजेब और शाहजहां ने कितने मंदिरों की मरम्मत कराई थी। एनसीईआरटी ने दोनों सवालों का एक जैसा जवाब दिया। 18 नवंबर 2020 को जारी पत्र के अनुसार कहा गया कि मांगी गई सूचना विभाग की फाइलों में उपलब्ध नहीं है। लेटर पर हेड ऑफ डिपार्टमेंट एंड पब्लिक इंफोर्मेशन ऑफिसर प्रो. गौरी श्रीवास्तव के साइन हैं। आरटीआई पर एनसीआईआरटी के जवाब के बाद इतिहास को लेकर ट्विटर पर मुगल वर्ड ट्रेंड हो रहा है।