रूड़की: कोरोना माहमारी को लेकर प्रदेशभर में कोविड कर्फ्यू लागू किया गया है। वहीं दूसरी ओर शहरी इलाकों के बाद अब ग्रामीण इलाकों में कोरोना की दस्तक से ग्रामीण दहशत के माहौल में जीवन यापन करने को मजबूर हो रहे हैं। गाँवों में हो रही लगातार मौतों से ग्रामवासी दहशत में हैं और प्रशासन की ओर आस भरी निगाहों से देख रहे हैं। अभी हाल ही में मंगलौंर का लिब्बरहेड़ी गाँव खूब चर्चाओं में रहा है। गांव में लगातार मौतों की खबर ने शासन प्रशासन को हिलाकर रख दिया था। सूबे के कैबिनेट मंत्री से लेकर प्रशासनिक अमले ने गांव की निगरानी की और गाँव को कंटेंमेनट जोन घोषित करते हुए टेस्टिंग का कार्य शुरू कराया था। अब लिब्बरहेड़ी गांव के बाद रुड़की का पड़ली गुर्जर और तेलीवाला गाँव कोरोना की चपेट में है। ग्रामवासी बताते है कि गाँव मे करीब एक माह के भीतर दर्जनों मौतें हो चुकी है, वहीं प्रशासन ने भी गाँव को लेकर अलर्ट जारी करते हुए अधिनस्थों को कड़े निर्देश दिए हैं।
दरअसल मंगलौंर के लिब्बरहेड़ी गाँव के बाद रुड़की के पाडली गुर्जर व तेली वाला गाँव में कोरोना का काला साया छाया हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि गाँव में लगातार मौतें हो रही है लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं है। ग्रामीणों के मुताबिक़ पिछले करीब एक माह के भीतर 50 से अधिक लोग मौत की आघोश में सो गए। जिसके चलते ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि कोरोना को लेकर गांव अतिसंवेदनशील बना हुआ है, लेकिन कोई भी गाँव की सुध लेने को तैयार नही है। ग्रामीणों का आरोप है कि गाँव मे सेनिटाइजर तक नहीं कराया गया और ना ही जांच कैम्प लगाया गया। जबकि ग्रामीणों का मानना है कि यदि गाँव में टेस्टिंग का कार्य कराया जाए तो कोरोना पॉजिटिव की संख्या बेहद चिंता जनक होगी।
आपको बता दे कलियर विधानसभा का गांव पाड़ली गुर्जर व तेली वाला में ग्रामीण कोरोना के भय से भयभीत है, गाँव मे लगातार हो रही मौतों से दहशत का माहौल बना हुआ है। ग्रामीण बताते हैं कि गाँव मे रोजाना लोगो की मौतें हो रही है। गग्रामीणों के मुताबिक मरने वालों का आकंडा 50 के पार है। ग्रामीणों ने बताया कि गाँव मे किसी तरह की कोई सुविधा मुहैया नही कराई गई। गाँव मे मेडिकल फैसिलिटी और अन्य व्यवस्थाएं ठप है। तो वहीं प्रशासनिक अधिकारी भी इन गाँव को लेकर अब अलर्ट मोड़ पर है।
कोरोना काल मे मरने वाले लोगो की संख्या भले ही सरकारी आंकड़ों में दर्ज ना हो पा रही हो लेकिन गाँव-गाँव श्मशान घाट और कब्रिस्तान मरने वालों का आंकड़ा चीख चीख कर बया कर रहे है। अधिकांश मौतें तो ऐसी है जिनका राज मौत के साथ ही दफन हो गया। ये मालूम ही नही हो पाया कि मौत का कारण क्या रहा, बहरहाल लोगो मे इस बार कोरोना को लेकर भय का माहौल बना हुआ है। कोरोना की दूसरी लहर में मरने वालों की संख्या बेहद चिंताजनक है।
रुड़की के खंड विकास अधिकारी मनोज कोठारी ने बताया कि रुड़की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने सभी को अलर्ट करते हुए जरूरी दिशानिर्देश दिए है, साथ ही गाँव में टेस्टिंग से लेकर तमाम चीजों की मॉनिटरिंग करने को कहा है। उन्होंने बताया इससे पूर्व ही वह सपने अधिनस्थों को गाँव मे कोविड के प्रति निर्देशित कर चुके हैं।