प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 76वें गणतंत्र दिवस (Republic Day 2025) के अवसर पर सफेद कुर्ता-पायजामा के उपर भूरे रंग का का कोट और लाल-पीले रंग का साफा कैरी किया। इससे पहले 75वें गणतंत्र दिवस पर उन्होंने गुजरात और राजस्थान में लोकप्रिय ‘बांधनी’ प्रिंट का साफा पहना था।
तो वहीं 2022 के गणतंत्र दिवस पर मोदी ने उत्तराखंड की खास ब्रह्मकमल टोपी पहनी। प्रधानमंत्री मोदी के साफे और पगड़ी के चुनाव में भारतीय संस्कृति और पारंपरिक पोशाकों का मिश्रण देखने को मिलता है। वे गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर हर साल अलग-अलग पगड़ी या साफा पहनकर देश की विविधता और सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करते हैं।
धारीदार पट्टियों वाला साफा पहना

2015 में पीएम मोदी ने धारीदार पट्टियों वाला साफा पहना था, जिसमें लाल और हरे रंग के मिश्रण थे। इसके साथ उन्होंने काले रंग का सूट पहना था। 2016 में उन्होंने चमकदार पीले रंग की पगड़ी और गहरे क्रीम रंग का बंदगला सूट पहना था। 2017 में गुलाबी रंग का साफा और सफेद कुर्ता पहने पीएम मोदी ने एक नया लुक अपनाया था।
केसरिया रंग का ‘बंधेज’ साफा
2018 में बहु-रंगीन साफा पहनकर पीएम मोदी ने पारंपरिक कुर्ता और काले रंग की जैकेट के साथ अपनी शैली को आगे बढ़ाया। 2019 में लाल और पीले रंग का साफा पहनते हुए उन्होंने एक नए अंदाज में देश को संबोधित किया।

2020 में पीएम मोदी ने केसरिया रंग का ‘बंधेज’ साफा पहना था, जबकि 2021 में वे जामनगर के शाही परिवार से मिली हलारी पगड़ी पहने दिखे।
उत्तराखंड की ब्रह्मकमल टोपी पहनी

2022 में, पीएम मोदी ने पगड़ी की बजाय उत्तराखंड की ब्रह्मकमल टोपी पहनी, जो राज्य का राजकीय फूल है। 2023 में, उन्होंने बहुरंगी राजस्थानी पगड़ी पहनी थी, जबकि 2024 में उन्होंने फिर से केसरिया रंग की ‘बांधनी’ पगड़ी पहनी थी। प्रधानमंत्री मोदी का हर गणतंत्र दिवस पर कपड़े और साफा पहनने का अंदाज भारतीय संस्कृति से जुड़ी उनकी गहरी पहचान को दर्शाता है।