Lok Sabha Election 2024 पास हैं। ऐसे में उत्तराखंड में भी आचार संहिता लग गई है। आचार संहिता लगने से पहले शासन की अनुमति न मिलने से 3253 पदों पर प्राथमिक के शिक्षकों की भर्ती लटक गई है। बता दें सीएम धामी की कैबिनेट ने राजकीय प्रारंभिक शिक्षा सेवा नियमावली 2012 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
शिक्षकों के पदों पर लटकी भर्ती
धामी कैबिनेट की राजकीय प्रारंभिक शिक्षा सेवा नियमावली 2012 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी के बाद से ही अभ्यर्थियों में पिछले काफी समय से लटकी भर्ती जल्द शुरू होने की आस जगी थी। लेकिन आचार संहिता के चलते शिक्षकों की 3253 पदों पर भर्ती एक बार फिर लटक गई है।
दो हजार से अधिक पदों के लिए मांगे थे आवेदन
बताते चलें कि प्रदेश में प्रारंभिक शिक्षा में बेसिक के शिक्षकों के पदों पर भर्ती पिछले तीन साल से भी अधिक समय से लटकी हुई थी। शिक्षा विभाग ने वर्ष 2020 व 2021 में सहायक अध्यापक के दो हजार से अधिक पदों के लिए आवेदन मांगे थे।
इस बीच विभाग में कुछ अन्य पद भी खाली हो गए हैं। लेकिन पहले NIOS से डीएलएड और फिर बीएड की वजह से शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया लटकी रही। पहला मामला 15 जनवरी 2021 का है। जब शासन ने शिक्षकों की इस भर्ती में एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों को भी शामिल करने का आदेश कर दिया था
15 जनवरी 2021 के आदेश को किया रद्द
बड़ी संख्या में NIOS से D.El.Ed अभ्यर्थियों ने शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन किया। इन अभ्यर्थियों के आवेदन करने के बाद शासन ने 10 फरवरी 2021 को एक अन्य आदेश जारी कर 15 जनवरी 2021 के आदेश को रद्द कर दिया।
इसके बाद एक अन्य मामले में पहले सुप्रीम कोर्ट ने फिर हाईकोर्ट ने 14 फरवरी 2023 को प्राथमिक शिक्षक भर्ती से बीएड अभ्यर्थियों को बाहर करने का आदेश कर दिया। हालांकि अब सरकार बीएड अभ्यर्थियों को प्रारंभिक शिक्षा सेवा नियमावली से बाहर कर चुकी है। लेकिन चुनाव आचार संहिता की वजह से फिलहाल शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पाएगी।