जिन आंकड़ों का इतंजार सरकार और आरबीआई बीते काफी समय से कर रहे थे, वो आखिर आ गए हैं। रिटेल महंगाई के आंकड़ों में रिकॉर्ड गिरावट देखने को मिली है। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत की रिटेल महंगाई जुलाई में सालाना आधार पर घटकर 3.54 फीसदी हो गई है। इन आंकड़ों से आम लोगों को काफी राहत मिली है। अगस्त 2019 के बाद लगभग पांच सालों में पहली बार महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक के 4 फीसदी के मध्यम अवधि के लक्ष्य से नीचे आ गई है।
महंगाई दर बढ़कर 5.08 फीसदी हो गई थी
बता दें कि जून में महंगाई दर में पांच महीनें में पहली बार बढ़ोतरी देखी गई थी। जिसकी प्रमुख वजह खाद्य कीमतों में बढ़ोतरी थी। इसलिए महंगाई दर बढ़कर 5.08 फीसदी हो गई थी। जुलाई 2023 में खुदरा महंगाई दर 7.44 प्रतिशत थी, जो उस समय 15 महीने के हाई लेवल पर पहुंच गई थी। इससे पहले 36 अर्थशास्त्रियों के एक रॉयटर्स पोल में अनुमान लगाया गया था कि महंगाई दर घटकर 3.65 फीसदी हो जाएगी।
रिटेल महंगाई भारतीय रिजर्व बैंक की 2-6 प्रतिशत की टॉलरेंस लेवल पर है। वैसे हाल के सालों में देश की महंगाई स्थाई तौर पर 4 फीसदी के औसत लेवल पर देखने को मिली है। जोकि आरबीआई के लिए ब्याज दरों में कटौती करने के लिए काफी जरुरी है।
ग्रामीण महंगाई
वहीं अगर ग्रामीण महंगाई की करें तो जुलाई में घटकर 4.10 फीसदी हो गई, जो जून में 5.66 फीसदी और जुलाई 2023 में 7.63 फीसदी थी। शहरी महंगाई भी जून में 4.39 फीसदी से कम होकर जुलाई में 2.98 फीसदी हो गई। पिछले साल इसी महीने में शहरी मुद्रास्फीति 6.2 बढ़ी थी।