वित्त वर्ष में एमपीसी की दूसरी बैठक में एक बार फिर रेपो रेट को लेकर बड़ा ऐलान किया गया है। आईबीआई ने लोगों को बड़ी राहत देते हुए रेपो रेट को स्थिर रखा है। इस बार भी रेपो रेट 6.50 फीसदी पर बरकरार है। महंगाई को देखते हुए आरबीआई ने रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला किया है। ये दूसरी बार है जब रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
इकोनॉमी के मिले अच्छे आंकड़े
आरबीआई ने बैकिंहन सिस्टम को मजबूत बताया है। साथ ही क्रेडिट ग्रोथ भी अच्छी बताई है। आरबीआई के अनुसार इंडिकेटर्स भी अच्छी स्थिति में है और ग्रोथ कर रहे हैं। इसलिए इकोनॉमी के आंकड़ो से मिल रहे अच्छे संकेतो के कारण रेपो रेट को स्थिर बनाए रखा है।
रेपो रेट स्थिर होने से मिली राहत
आरबीआई ने लगातार दूसरी बार रेपो रेट में कोई भी बदलाव न कर लोगों को राहत दी है। खासकर रेपो रेट की स्थिरता उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिन्होनें कोई लोन ले रखा है या लेने वाले हैं। आरबीआई गवर्नर ने कहा था कि देश की इकोनॉमी में जारी रिकवरी को बरकरार रखने के लिए यह फैसला लिया गया है । हालांकि उन्होंने इशारा किया था कि अगर जरूरत पड़ी तो आगे रेपो रेट में बढ़ोतरी की जा सकती है। लेकिन आंकड़ों की गणना करने के बाद रिजर्व बैंक ने एक बार फिर से ब्याज दरों को स्थिर रखते हुए उसे 6.50 फीसदी पर बरकरार रखा है।