रामनगर- प्रदेश के पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने नमामि गंगे परियोजना के तहत 55 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन एसटीपी (सीवर ट्रीटमेंट प्लांट) का निरीक्षण किया।
इस सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का काम 95 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। यह प्लांट 15 साल तक पेयजल निगम के अधीन रहेगा. उसके बाद इसे जल संस्थान को हैंड ओवर कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि नगर का जो दूषित पानी कोसी नदी में गिर रहा है उसको यह प्लांट शुद्ध कर वापस कोसी नदी में छोड रहा है.
उन्होंने जल निगम के अधिकारियों से शहर के गंदे नाले के पानी को सीवर ट्रीटमेंट प्लांट तक लाने संबंधित द्वितीय फेज की डीपीआर को शीघ्र बनाने के निर्देश दिए। जिससे कि शहर का गंदा पानी नहरों में ना जाकर ट्रीटमेंट प्लांट में आकर साफ हो सके वहीं निरीक्षण करते हुए मंत्री ने पूरे प्लांट का भ्रमण किया और प्लांट की बारीकियां प्लांट मैनेजर से ली। मंत्री चुफाल ने गंदे पानी का पूरा ट्रीटमेंट होने के बाद साफ हो जाने के बाद के पानी को भी देखा, तथा अधिकारियों से समय-समय पर पानी का सैंपल लेकर पानी की जांच करने के आदेश भी दिए।
इस दौरान मंत्री चुफाल ने कहा कि यह योजना 55 करोड़ की थी। जिसमें से 25 करोड़ इसको 15 साल तक के लिए, इसकी मेंटेनेंस के लिए जो इसमें कर्मचारी है उन सबका वेतन है, 15 साल के बाद जल संस्थान विभाग को हस्तान्तरित कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस एसटीपी प्लांट की क्षमता 7 एमएलडी की है, जिसमें अभी 3.30 एमएलटी आना और बाकी है. उन्होंने कहा कि इस प्लांट के लगने के बाद नगर के सीवरेज प्लांट का प्रस्ताव भी भारत सरकार के पास गया हुआ है, वह भी जल्द स्वीकृत होगा।