बता दें कि पीएम मोदी के ऐलान के बाद दिल्ली के गाजीपुर बार्डर पर जलेबी बांटी गई. इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने पीएम के ऐलान पर ट्वीट कर कहा कि आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा. पालघर में राकेश टिकैत ने कहा कि अगर समझने में एक साल लगा तो देश बर्बाद हो जाएगा. 750 किसानों के आस पास किसान शहीद हो गए. हम लोग 1 साल से आंदोलन कर रहे हैं. देश की राजधानी को घेर कर रखे हुए हैं. ये सरकार के लिए शर्म की बात है.
आपको बता दें कि आज अपने संबोधन में पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया है. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि मैं आपको, पूरे देश को ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला लिया है. इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में हम इन तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे.
आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा ।
सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें : @RakeshTikaitBKU#FarmersProtest
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) November 19, 2021
पीएम मोदी ने कहा कि आज ही सरकार ने कृषि क्षेत्र से जुड़ा एक और अहम फैसला लिया है. जीरो बजट खेती यानि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए, देश की बदलती जरुरतों को ध्यान में रखकर क्रॉप पैटर्न को वैज्ञानिक तरीके से बदलने के लिए एमएसपी को और अधिक प्रभावी तथा पारदर्शी बनाने के लिए, ऐसे सभी विषयों पर, भविष्य को ध्यान में रखते हुए, निर्णय लेने के लिए, एक कमेटी का गठन किया जाएगा. इस कमेटी में केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के प्रतिनिधि होंगे, किसान होंगे, कृषि वैज्ञानिक होंगे, कृषि अर्थशास्त्री होंगे.