लैंसडौन का नाम बदलने पर अब लोगों का विरोध सामने आने लगा है। जहां एक ओर लैंसडौन का नाम बदलकर जसवंतगढ़ करने को लेकर रक्षा मंत्रालय को प्रस्ताव भेज दिया गया है तो वहीं इसको लेकर अब स्थानीय लोग विरोध में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कह रहे हैं।
लैंसडौन के नाम बदलने पर विरोध हुआ तेज
लैंसडौन का नाम बदलने को लेकर पौड़ी में विरोध तेज हो गया है। लैंसडौन का नाम बदलने का प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय को भेज दिया गया है। लेकिन अब फिर से स्थानीय लोग इसका विरोध करने लगे हैं। उनका कहना है कि लैंसडौन का नाम यथावत ही रखा जाए।
स्थानीय लोग खटखटाएंगे हाईकोर्ट का दरवाजा
स्थानीय लोगों ने इसका नाम ना बदलने को लेकर हाईकोर्ट जाने की बात कही है। स्थानीय लोग नाम बदल कर जसवंत गढ़ रखने के प्रस्ताव के विरोध में अब क्षेत्रीय जन न्यायालय की शरण लेने का मन बना रहे हैं। इसके साथ ही नता समेत होटल एसोसिएशन ने इसके लिए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने की तैयारी शुरू कर दी है।
रक्षा मंत्रालय को भजा गया है जसवंतगढ़ नाम रखने का प्रस्ताव
बीते दिनों परिषद की बोर्ड बैठक का आयोजन किया गया था। जिसमें लैंसडौन का नाम बदलने को लेकर भी चर्चा की गई। जिसके बाद लैंसडौन के नाम को यथावत रखने के साथ ही इसके विकल्प के तौर पर जसवंत गढ़ करने का प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय को भेजा गया है। बता दें कि इस प्रस्ताव में कैंट की ओर से रक्षा मंत्रालय को बताया गया है कि स्थानीय लोग लैंसडौन का नाम बदलने के पक्ष में नही हैं।
रक्षा मंत्रालय के साथ केंद्र सरकार लेगी अंतिम फैसला
कैंट की ओर से रक्षा मंत्रालय को प्रस्ताव भेज दिया गया है। जिसके बाद लोगों का विरोध भी तेज हो गया है। लेकिन इस पर अंतिम फैसला रक्षा मंत्रालय के साथ केंद्र सरकार को लेना है।
बता दें कि इस से पहले लैंडौन का नाम कालो का डांडा और स्व.जनरल विपिन्न रावत के नाम पर रखने की बात हो चुकी है। प्रदेश के मुख्यमंत्री भी लैंसडौन का नाम स्व.जनरल विपिन्न रावत के नाम पर रखने की घोषणा कर चुके हैं।