उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी की कमान फिर एक बार प्रोफेसर ओपीएस नेगी को दी गई है। उन्हें फिर एक बार तीन साल के लिए कुलपति बनाया गया है। उनका पिछला कार्यकाल फरवरी में खत्म हो गया था। इसके बाद उनका कार्यकाल छह महीने बढ़ाया गया था। इस दौरान कुलपति पद के लिए आवेदन मांगे गए थे। लगभग 250 आवेदन प्राप्त हुए थे लेकिन इनमें से एक भी योग्य उम्मीदवार न मिलने की स्थिती में ओपीएस नेगी को ही एक बार फिर से तीन साल के लिए कुलपति नियुक्त किया गया है। इस संबंध में राज्यपाल ले. जन. (रिटा) गुरमीत सिंह ने आदेश जारी किए हैं।
आपको बता दें कि उच्च शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की ओर से 24 फरवरी को विज्ञप्ति जारी की गई थी। आवेदन के लिए एक महीने का समय दिया गया था। सूत्रों के अनुसार देशभर से 250 से अधिक आवेदन आए थे।
उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय का कुलपति बनने के लिए इसी विश्वविद्यालय के कई प्रोफेसर भी दौड़ में थे। इसके लिए अपने-अपने स्तर से प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा कुमाऊं विश्वविद्यालय के अलावा अल्मोड़ा विश्वविद्यालय से भी कई प्रोफेसर भी कुलपति बनने के लिए प्रयासरत थे। इस संबंध में लॉबिंग भी खूब हुई।
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प्रो ओपीएस नेगी पर पिछले कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। नियमों को ताख पर रखकर दल विशेष की पृष्ठभूमि से आने वाले लोगों की नियुक्ति के आरोपों से घिर रहे। इस संबंध में जांच की मांग भी उठी थी। हालांकि प्रो नेगी ने इन आरोपों से इंकार किया था।
खबरें यहां तक थीं कि कैबिनेट मंत्री और पिछली सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रहे धन सिंह रावत के करीबी प्रो नेगी ने मंत्री जी के निर्देशों पर भी ओपन यूनिवर्सिटी में नियुक्ति में खूब मनमर्जियां कीं। राज्य की पूर्व राज्यपाल रहीं बेबी रानी मौर्य इन आरोपों की जांच कराने के मूड में थीं लेकिन इसी बीच वो राज्यपाल पद से हटा दी गईं।