लखनऊ: लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुए बवाल के बाद घमासान मचा है। आज किसान गुरविंदर का दोबारा पोस्टमार्टम हुआ और फिर अंतिम संस्कार कर दिया गया है। दिल्ली से राहुल गांधी लखनऊ पहुंच गए हैं। राहुल के पहुंचते ही सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने प्रियंका गांधी को रिहा करने के साथ ही सांसद और आप नेता संजय सिंह को भी रिहा कर दिया है।
वहीं, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र ने दिल्ली पहुंचकर गृह मंत्र अमित शाह से मुलाकात कर घटना की जानकारी दी। इधर, सचिन पायलट के काफिले को करीब 20 मिनट टोल प्लाजा पर रोका लखीमपुर बवाल के बाद बुधवार को सचिन पायलट और प्रमोद कृष्णन के लखीमपुर की ओर जाने की सूचना पर हापुड़ जिले के पुलिस को अलर्ट कर दिया गया।
दोपहर के समय एडीजी राजीव सभरवाल पिलखुवा टोल प्लाजा पर पहुंच गए और व्यवस्थाओ को परखा। जैसे ही सचिन पायलट का काफिला छिजारसी टोल पहुंचा, पुलिस ने उसे रोक दिया। हालांकि सचिन पायलट को करीब 20 मिनट टोल प्लाजा पर रोकने के बाद आगे जाने दिया गया।
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि हम कोई क़ानून नहीं तोड़ रहे हैं। हम तो प्रियंका गांधी और लखीमपुर के किसानों से मिलने जाना चाहते हैं। उनसे मिलकर उनके आंसू पोंछना चाहते हैं। इसके लिए हमको बार-बार रोका गया है। मैं अधिकारियों से आग्रह कर रहा कि हमको जाने दें।
राहुल गांधी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी लखीमपुर खीरी हिंसा में जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों से मिलने के लिए लखनऊ के लिए रवाना हुए। इस दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि धारा 144 में 5 से अधिक लोग इकट्ठे नहीं हो सकते।
उससे कम लोग जा सकते हैं। कल भी मुझे गलत तरीके से रोका गया था। हम लोग पीड़ित परिवार तक पहुंचने का प्रयास करेंगे। आखिर ऐसी क्या बात है जिसे राज्य सरकार छुपाना चाहती है? ऐसा क्या है जिससे किसी को बचाना चाहती है?