अब तक आपने एक्सरे प्लेट पर एक्सरे रिपोर्ट्स प्रिंट होती देखी होंगी लेकिन क्या आपने कभी ए – 4 साइज के प्लेन व्हाइट पेपर पर भी एक्सरे रिपोर्ट प्रिंट होती देखी है ? नहीं देखी तो आज देख लीजिए।
मेडिकल साइंस की ऐसी की तैसी कर दी
दरअसल ये कारनामा हुआ है मध्य प्रदेश के शाजापुर के जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में। यहां मेडिकल साइंस के तमाम पैरामीटर्स को एक्सरे डिपार्टमेंट में ही तिलांजली दे दी गई। और इसके बाद जो हुआ वो भी मेडिकल साइंस की दुनिया में सदा सदा के लिए याद ही रखा जाएगा।
डाक्टर यही देख कर कर रहे इलाज
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शाजापुर के ज़िला अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में मरीज़ों को कागज़ पर ही एक्स रे छापकर दिया जा रहा है। यहां मरीज़ों के एक्स रे तो किए जाते हैं लेकिन रिपोर्ट कागज़ पर छापकर दी जाती है। NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, एक्स रे फ़िल्म की कमी के कारण अस्पताल कर्मियों ने कागज़ पर ही एक्स रे छापकर देने का फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि डॉक्टर भी कागज़ पर प्रिंट किया गया एक्स रे देखकर इलाज कर रहे हैं।
एक महीने से एक्सरे फिल्म खत्म
वहीं दैनिक भास्कर ने भी इस संबंध में एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट के अनुसार अस्पताल में पिछले एक महीने से एक्स रे फिल्म खत्म है। सिविल सर्जन ने ऑर्डर तो दे दिया लेकिन अस्पताल को एक्स रे फिल्म नहीं मिली। डॉक्टर्स का कहना है कि वो मरीज़ को बाहर जाकर एक्स रे करवाने को नहीं कह सकते। पेपर पर छपे एक्स रे को देखकर इलाज करने में मुश्किलें आती हैं, चोट या फेफड़ों से जुड़े रोग का पता नहीं चल पाता।
TV9 Hindi की एक रिपोर्ट के अनुसार कई सालों से इस डॉ भीमराव अंबेडकर जिला चिकित्सालय ट्रामा सेंटर में कागज़ पर ही एक्स रे दिया जा रहा है। हालांकि जब मीडिया कर्मियों ने इस संबंध में अस्पताल के जिम्मेदार लोगों से बात की है तो अलग अलग लोगों के बयान अलग अलग आए हैं। किसी ने कहा है कि एक्सरे फिल्म की कोई कमी नहीं है तो किसी ने कहा है कि सफेद कागज पर एक्सरे रिपोर्ट दी जा रही है। फिलहाल इस संबंध किसी बड़े अधिकारी का बयान प्रकाश में नहीं आया है लेकिन सफेद कागज पर प्रिंट हो रही इस एक्सरे रिपोर्ट की चर्चा खूब हो रही है।